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मासिक कृष्ण जन्माष्टमी: पूजा विधि और महत्व

मासिक कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व 11 सितंबर को मनाया जाएगा। इस दिन विशेष पूजा विधि के माध्यम से भगवान कृष्ण की आराधना की जाती है। जानें इस दिन की पूजा का महत्व, विधि और कैसे यह आपके जीवन में सुख और समृद्धि ला सकती है।
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मासिक कृष्ण जन्माष्टमी: पूजा विधि और महत्व

मासिक कृष्ण जन्माष्टमी का महत्व

नई दिल्ली: मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि 11 सितंबर को रात 12 बजकर 7 मिनट से आरंभ होकर 11 बजकर 8 मिनट तक रहेगी। इसके बाद अष्टमी तिथि का आगमन होगा। इस दिन सूर्य तुला राशि में और चंद्रमा कर्क राशि में स्थित रहेंगे। द्रिक पंचांग के अनुसार, अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 43 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 27 मिनट तक रहेगा, जबकि राहुकाल का समय दोपहर 2 बजकर 47 मिनट से शाम 4 बजकर 8 मिनट तक होगा। मंगलवार को 11 बजे के बाद अष्टमी तिथि शुरू होगी, जिसके अनुसार मासिक कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाएगी।


पूजा विधि

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, हर माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर मासिक कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाता है। भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ था, इसलिए इस दिन विशेष पूजा का महत्व है। मान्यता है कि इस दिन बाल-गोपाल की विधिवत पूजा करने से यश, कीर्ति, धन, ऐश्वर्य और संतान सुख की प्राप्ति होती है। साथ ही, सभी पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। मंगलवार को बाल-गोपाल की पूजा और व्रत रखने के लिए जातक को समय अनुसार नित्य कर्म, स्नान आदि करने के बाद साफ वस्त्र धारण करना चाहिए।


पूजा की तैयारी

इसके बाद, मंदिर या पूजा स्थल को साफ करें। घर के मंदिर में एक चौकी पर लड्डू गोपाल की प्रतिमा स्थापित करें। दक्षिणावर्ती शंख में पंचामृत भरकर लड्डू गोपाल का अभिषेक करें। उन्हें पीले वस्त्र पहनाएं और पीले फूलों से सजाएं।


पूजा का समापन

मंत्रों और स्तोत्रों का जाप करते हुए लड्डू गोपाल का आह्वान करें। 'ऊं नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र का जाप करें। उन्हें तुलसी की माला, खीर, माखन, मिश्री और फल जैसी प्रिय वस्तुएं अर्पित करें। अंत में, लड्डू गोपाल के सामने देसी घी का दीपक जलाएं और आरती करके पूजा संपन्न करें।


सकारात्मक ऊर्जा का संचार

मासिक कृष्ण जन्माष्टमी पूजा के दौरान भगवान कृष्ण को मोर पंख चढ़ाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जो परिवार के सदस्यों को बुरी नजर और नकारात्मक ऊर्जाओं से बचाती है।