Newzfatafatlogo

मिथुन संक्रांति पूजा: सूर्य आराधना के लिए प्रभावी मंत्र और दान

मिथुन संक्रांति पूजा का महत्व जानें, जब सूर्य वृषभ राशि से निकलकर मिथुन राशि में प्रवेश करता है। इस दिन सूर्य की आराधना करने से स्वास्थ्य और धन में वृद्धि होती है। जानें प्रभावी मंत्र और पुण्यदायी दान के बारे में, जो इस विशेष दिन पर किए जा सकते हैं।
 | 
मिथुन संक्रांति पूजा: सूर्य आराधना के लिए प्रभावी मंत्र और दान

मिथुन संक्रांति पूजा का महत्व

Mithun Sankranti Puja: वैदिक ज्योतिष के अनुसार, जब सूर्य वृषभ राशि से निकलकर मिथुन राशि में प्रवेश करता है, तो इसे 'मिथुन संक्रांति' कहा जाता है। हिन्दू धर्म में सूर्य संक्रांति के दिन सूर्य की पूजा का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन सूर्य देव की आराधना करने से न केवल स्वास्थ्य में सुधार होता है, बल्कि घर में धन-धान्य की वृद्धि भी होती है।


सूर्य का गोचर

आज, रविवार 15 जून, 2025 को, सूर्यदेव 6 बजकर 52 मिनट पर मिथुन राशि में गोचर कर चुके हैं। रविवार का दिन भगवान सूर्य की पूजा के लिए विशेष रूप से समर्पित है, जिससे इस संक्रांति का प्रभाव और भी शुभ माना जा रहा है। आइए जानते हैं, इस दिन किन मंत्रों से सूर्य की आराधना की जा सकती है और किन चीजों का दान करने से पुण्य प्राप्त होता है?


सूर्य आराधना के प्रभावी मंत्र

ॐ सूर्याय नमः


इस मंत्र का अर्थ है: 'मैं सूर्य देव को प्रणाम करता हूँ।' यह एक सरल लेकिन शक्तिशाली बीज मंत्र है जो ऊर्जा और स्वास्थ्य को बढ़ाता है।


ॐ घृणि: सूर्याय नमः


इस मंत्र का अर्थ है: 'हे तेजस्वी सूर्य देव! आपको नमस्कार है।' यह मंत्र सूर्य की दिव्य शक्ति को आह्वान करता है और नेत्र रोगों को दूर करने में सहायक है।


ॐ भास्कराय नमः


इस मंत्र का अर्थ है: 'मैं प्रकाश प्रदान करने वाले भास्कर देव को नमन करता हूँ।' यह मंत्र जीवन में स्पष्टता और निर्णय क्षमता लाने के लिए उपयोग किया जाता है।


ॐ ह्रीं ह्रौं सूर्याय नमः


यह सूर्य देव का बीज मंत्र है, जिसका जाप करने से आत्मविश्वास और ऊर्जा की प्राप्ति होती है।


ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात् ॥


इस मंत्र का अर्थ है: 'हम उस परम दिव्य प्रकाश का ध्यान करते हैं, जो सभी लोकों का स्रोत है।' यह सूर्य गायत्री मंत्र है, जो मन और आत्मा को शुद्ध करता है।


मिथुन संक्रांति पर पुण्यदायी दान

गेहूं और गुड़ का दान


सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए गेहूं और गुड़ का दान शुभ माना जाता है।


तांबे के पात्र का दान


तांबा सूर्य से संबंधित धातु है। तांबे के लोटे या कलश का दान करने से कुंडली में सूर्य दोष शांत होता है।


लाल वस्त्र का दान


लाल रंग सूर्य का प्रतीक है। किसी ब्राह्मण या ज़रूरतमंद को लाल वस्त्र दान करने से यश और समृद्धि की प्राप्ति होती है।


जल से भरे घड़े का दान


गर्मी में प्यासे जीवों के लिए जलदान पुण्य कार्य माना जाता है। मिथुन संक्रांति के दिन जल से भरा कलश दान करने से घर में शांति आती है।