मुहम्मद की जीवनी: इस्लाम की समझ का आधार

इब्न इशाक का 'सीरते रसूल अल्लाह'
इब्न इशाक की 'सीरते रसूल अल्लाह' (अंग्रेजी अनुवाद: 'द लाइफ ऑफ मुहम्मद', कराची: ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस) एक अद्वितीय ग्रंथ है, जो घटनाओं से भरी एक रोचक कहानी प्रस्तुत करता है।
मुहम्मद का प्रिय कार्य जिहाद था। हदीस (बुखारी, 9-90-332) के अनुसार, यदि उन्हें अवसर मिलता, तो वे सभी जिहादियों को एकत्रित कर जिहाद में शामिल करते। उनके शब्दों में, “यह बहुत सुखद होगा कि अल्लाह के लिए शहीद हो जाएं, फिर जीवित उठ खड़े हों, और बार-बार शहीद हों।”
मुहम्मद से प्रेम की आवश्यकता
क्रिश्चियन विचारक सेंट ऑगस्टाइन ने कहा था: 'कोई उसे प्रेम नहीं कर सकता जिसे वह नहीं जानता।' यह न केवल अपने समकालीनों, बल्कि ऐतिहासिक व्यक्तियों पर भी लागू होता है।
इसलिए, मुहम्मद से प्रेम या दूर से सलाम केवल उन्हें जानने के बाद ही संभव है। अन्यथा, उनके प्रति प्रेम या नफरत दोनों ही निरर्थक हैं।
मुहम्मद के बारे में जानकारी
यह अच्छी बात है कि मुहम्मद के बारे में जानकारी अन्य ऐतिहासिक हस्तियों की तुलना में अधिक उपलब्ध है। उनके जीवन, स्वभाव, विचार, पसंद-नापसंद, और उनके द्वारा किए गए कार्यों के बारे में विस्तृत जानकारी मिलती है।
इब्न इशाक का 'सीरते रसूल अल्लाह' इस जानकारी का सर्वोत्तम स्रोत है। यह ग्रंथ लगभग 1300 वर्ष पहले लिखा गया था और मुसलमानों के लिए यह पवित्र पुस्तक की तरह माना जाता है।
इस्लाम का उद्देश्य
इस्लाम में मुहम्मद केवल एक प्रोफेट नहीं, बल्कि जीवन जीने का आदर्श उदाहरण भी हैं। यह इस्लाम का दावा है कि मुहम्मद को जानना सभी के लिए आवश्यक है।
उन्होंने अपनी पाँच विशेषताओं का उल्लेख किया था, जो सहीह बुखारी (1-7-301) में दर्ज हैं। मुहम्मद ने कहा था कि उन्हें कई विशेषताएँ प्राप्त हुई हैं, जो पहले किसी और को नहीं मिलीं।
इस्लाम की समझ के लिए मुहम्मद की जीवनी
मुहम्मद की जीवनी इस्लाम को समझने की कुंजी है। इस्लाम मुसलमानों से अपेक्षा करता है कि वे हर चीज में मुहम्मद का अनुकरण करें।
इसलिए, जो लोग इस्लाम को समझने के लिए केवल कुरान पढ़ने का प्रयास करते हैं, वे अक्सर विफल रहते हैं। कुरान की बातें मुहम्मद के जीवन की घटनाओं के संदर्भ में ही समझी जा सकती हैं।
जिहाद और हिंसा का वर्णन
मुहम्मद का प्रिय कार्य जिहाद था, और उनकी जीवनी में हिंसा के कई वर्णन हैं। पहले झगड़े के बाद से ही मुहम्मद ने लगातार काफिरों के खिलाफ शाब्दिक हिंसा का सहारा लिया।
एक गणितज्ञ के अनुसार, यदि मुहम्मद की जीवनी पर फिल्म बनाई जाए, तो यह हिंसा और संघर्ष से भरी होगी।
इस्लाम का पवित्र ग्रंथ
मुहम्मद की जीवनी केवल ऐतिहासिक विवरण नहीं है, बल्कि यह इस्लाम का एक पवित्र ग्रंथ भी है। इसमें मुसलमानों से मुहम्मद का अनुकरण करने का आह्वान किया गया है।
इसलिए, मुहम्मद की जीवनी इस्लाम को समझने का सरल और आवश्यक उपाय है।