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मेहंदीपुर बालाजी मंदिर से घर न लाने योग्य वस्तुएं

मेहंदीपुर बालाजी मंदिर, जो राजस्थान में स्थित है, अपनी अद्भुत शक्तियों के लिए प्रसिद्ध है। यहां आने वाले श्रद्धालुओं को कुछ विशेष नियमों का पालन करना आवश्यक है। इस मंदिर से कुछ वस्तुओं को घर लाना मना है, जैसे प्रसाद, खाने-पीने की चीजें, सुगंधित वस्तुएं, पूजा की सामग्री और मंदिर से खरीदी गई अन्य चीजें। इन नियमों का पालन करना नकारात्मक ऊर्जा से बचने के लिए महत्वपूर्ण है। जानें इन नियमों के पीछे का कारण और कैसे ये आपके परिवार की भलाई के लिए आवश्यक हैं।
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मेहंदीपुर बालाजी मंदिर से घर न लाने योग्य वस्तुएं

मेहंदीपुर बालाजी मंदिर का परिचय

Mehandipur Balaji Temple: मेहंदीपुर बालाजी मंदिर, जो राजस्थान के दौसा जिले में स्थित है, दो पहाड़ियों के बीच एक प्रसिद्ध हनुमान मंदिर है। यह मंदिर अपनी अद्भुत शक्तियों और भूत-प्रेत से मुक्ति दिलाने के लिए जाना जाता है। यहां देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु आते हैं, जो बजरंगबली के दर्शन और अपनी समस्याओं के समाधान के लिए आते हैं। इस मंदिर से जुड़े कुछ कठोर नियम हैं, जिनका पालन करना आवश्यक है। कुछ वस्तुएं हैं, जिन्हें इस मंदिर से घर लाना मना है। ऐसा माना जाता है कि इन वस्तुओं को घर लाने से नकारात्मक शक्तियां हावी हो सकती हैं, जिससे गंभीर नुकसान हो सकता है। आइए जानते हैं वे कौन सी चीजें हैं, जिन्हें आपको मंदिर से घर नहीं लाना चाहिए।


मंदिर का प्रसाद

मंदिर का प्रसाद


मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में प्रसाद को घर ले जाना सख्त मना है। आमतौर पर मंदिरों में प्रसाद को घर लाकर बांटना शुभ माना जाता है, लेकिन यहां यह नियम उल्टा है। यह मंदिर भूत-प्रेत और नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति के लिए प्रसिद्ध है। मान्यता है कि यहां का प्रसाद नकारात्मक शक्तियों से प्रभावित हो सकता है। यदि कोई इसे खाता है या घर ले जाता है, तो वह अपने साथ बुरी ऊर्जा ला सकता है।


यहां दो प्रकार का प्रसाद चढ़ाया जाता है: दरखास्त और अर्जी का प्रसाद। दरखास्त का प्रसाद चढ़ाने के बाद तुरंत मंदिर से निकल जाना चाहिए, जबकि अर्जी का प्रसाद लौटते समय पीछे फेंक दिया जाता है। फेंकने के बाद पीछे मुड़कर देखने की मनाही होती है। इस कारण यहां का प्रसाद वहीं खा लें लेकिन घर नहीं लाएं। इसके अलावा भी सवामनी आदि का भोग लगता है।


खाने-पीने की चीजें

खाने-पीने की चीजें


मेहंदीपुर बालाजी मंदिर से किसी भी प्रकार की खाने-पीने की चीजें, जैसे पानी की बोतल, फल या अन्य खाद्य पदार्थ घर लाना वर्जित है। ऐसा विश्वास है कि मंदिर के आसपास की ऊर्जा बहुत शक्तिशाली होती है और यहां खरीदी गई या प्राप्त की गई खाने-पीने की चीजें नकारात्मक शक्तियों से प्रभावित हो सकती हैं। यदि आप इन्हें घर ले जाते हैं, तो यह आपके परिवार और घर के माहौल पर बुरा असर डाल सकता है।


यह नियम इसलिए भी बनाया गया है, क्योंकि मंदिर में कई लोग ऊपरी बाधाओं से मुक्ति पाने आते हैं और ऐसी चीजें अनजाने में नकारात्मक ऊर्जा का वाहक बन सकती हैं। इस कारण मंदिर में खरीदा हुआ कोई भी खाद्य पदार्थ वहीं छोड़ देना चाहिए।


सुगंधित चीजें

सुगंधित चीजें


मेहंदीपुर बालाजी से सुगंधित चीजें जैसे इत्र, अगरबत्ती या फूल भी घर लाना मना है। लोक मान्यता के अनुसार, सुगंधित वस्तुएं नकारात्मक शक्तियों को आकर्षित कर सकती हैं। मंदिर का वातावरण ऐसी ऊर्जाओं से भरा होता है, जो सामान्य नहीं हैं। यदि आप यहां से सुगंधित चीजें घर लाते हैं, तो यह नकारात्मक ऊर्जा को आपके साथ ला सकती हैं।


पूजा की सामग्री

पूजा की सामग्री


मंदिर में पूजा के लिए लाई गई या वहां खरीदी गई सामग्री जैसे लड्डू, चावल, उड़द, या अन्य भोग की चीजें घर नहीं ले जानी चाहिए। मेहंदीपुर बालाजी में बालाजी महाराज को लड्डू, प्रेतराज सरकार को चावल और भैरव बाबा को उड़द का भोग चढ़ाया जाता है। ये सामग्रियां पूजा के बाद वहीं छोड़ देनी चाहिए।


मान्यता है कि पूजा की सामग्री में नकारात्मक ऊर्जा समा सकती है, खासकर तब जब यह उन लोगों के लिए चढ़ाई जाती है, जो ऊपरी बाधाओं से पीड़ित हैं। यदि आप इसे घर ले जाते हैं, तो यह आपके घर में अशांति और परेशानियां ला सकता है। इस कारण पूजा की सामग्री को मंदिर परिसर में ही छोड़ दें।


मंदिर से खरीदा कोई भी सामान

मंदिर से खरीदा कोई भी सामान


मेहंदीपुर बालाजी मंदिर के आसपास से खरीदा गया कोई भी सामान जैसे झंडा, कड़ा, ताबीज या अन्य धार्मिक वस्तुएं घर नहीं लानी चाहिए। कई लोग मंदिर के पास से विशेष झंडा या कड़ा खरीदकर उसे घर की छत पर लगाते हैं या पहनते हैं, लेकिन यह गलत है। ऐसा माना जाता है कि मंदिर के आसपास का सामान नकारात्मक ऊर्जा से प्रभावित हो सकता है। यदि आप इसे घर ले जाते हैं, तो यह आपके जीवन में समस्याएं पैदा कर सकता है।


मंदिर के नियमों के अनुसार यहां से खरीदी गई किसी भी चीज को वहीं छोड़ देना चाहिए ताकि आप सुरक्षित रहें।


क्यों हैं ये नियम?

क्यों हैं ये नियम?


मेहंदीपुर बालाजी मंदिर का वातावरण सामान्य मंदिरों से अलग है। यहां हनुमान जी के बालाजी स्वरूप के साथ-साथ प्रेतराज सरकार और भैरव बाबा की पूजा होती है। मंदिर में हर दिन दोपहर 2 बजे प्रेतराज सरकार के दरबार में कीर्तन होता है, जिसमें ऊपरी बाधाओं से पीड़ित लोग शामिल होते हैं। इस दौरान मंदिर की ऊर्जा बहुत शक्तिशाली और संवेदनशील होती है।


यहां की हर चीज चाहे वह प्रसाद हो, खाना हो या पूजा की सामग्री हो, नकारात्मक शक्तियों से प्रभावित हो सकती है। इस कारण इन चीजों को घर लाने से बचना चाहिए ताकि आप और आपका परिवार किसी भी तरह की बुरी ऊर्जा से बचा रहे।


इन नियमों का भी करें पालन

इन नियमों का भी करें पालन


मेहंदीपुर बालाजी जाने से पहले कुछ अन्य नियमों का भी पालन करना जरूरी है। यहां आने से कम से कम एक हफ्ते पहले मांस, शराब, लहसुन, और प्याज जैसी तामसिक चीजों का सेवन बंद कर देना चाहिए। दर्शन के दौरान पीछे मुड़कर नहीं देखना चाहिए। खासकर अर्जी का प्रसाद फेंकते समय पीछे न देखें। इसके अलावा मंदिर में वीडियो रिकॉर्डिंग या फोटो खींचना मना है क्योंकि इससे वहां की पवित्रता भंग हो सकती है।