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योगिनी एकादशी: विशेष उपाय और व्रत का महत्व

योगिनी एकादशी, जो हर साल आषाढ़ मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी को मनाई जाती है, का विशेष महत्व है। इस वर्ष, यह 21 जून 2025 को आएगी। इस दिन व्रत रखने से 88 हजार ब्राह्मणों को भोजन कराने का पुण्य मिलता है। व्रति को रोगों और पापों से मुक्ति मिलती है। इस रात कुछ विशेष उपाय करने से साधक को मनोकामना पूर्ति का आशीर्वाद मिल सकता है। जानें योगिनी एकादशी के उपाय और व्रत का पारण कब करना है।
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योगिनी एकादशी: विशेष उपाय और व्रत का महत्व

योगिनी एकादशी का महत्व

योगिनी एकादशी उपाय: हिंदू धर्म में योगिनी एकादशी का विशेष महत्व है, जो हर साल आषाढ़ मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी को मनाई जाती है। इस वर्ष, यह पावन दिन 21 जून 2025 को आएगा। मान्यता है कि जो लोग इस दिन सच्चे मन से व्रत करते हैं, उन्हें 88 हजार ब्राह्मणों को भोजन कराने का पुण्य मिलता है। इसके साथ ही, व्रति को रोगों, सांसारिक परेशानियों और पापों से मुक्ति मिलती है।


योगिनी एकादशी के विशेष उपाय

व्रत के साथ-साथ, इस रात कुछ विशेष उपाय करना भी लाभकारी होता है। आइए जानते हैं योगिनी एकादशी की रात किए जाने वाले तीन प्रभावी उपायों के बारे में, जो साधक को उनकी इच्छाओं की पूर्ति का आशीर्वाद दे सकते हैं।


  • जो लोग आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं या घर में कलह है, उन्हें भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए। पूजा के बाद, एक लाल कपड़े में पांच पीली कौड़ी और एक साबुत हल्दी की गांठ बांधकर रख दें। अगले दिन व्रत का पारण करने के बाद इस पोटली को तिजोरी में रखें। इससे मां लक्ष्मी का वास होगा और आर्थिक संकट दूर होगा।


आज एकादशी की रात, घर में तुलसी के पौधे के पास घी का दीपक जलाएं और मां लक्ष्मी के मंत्रों का जाप करें। इस उपाय से धन की देवी का आशीर्वाद प्राप्त होगा और आपकी मनोकामना पूरी हो सकती है।


  • पीपल के पेड़ की पूजा करें, क्योंकि वहां भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी का वास होता है। पेड़ के पास घी का दीपक जलाएं और स्वस्थ जीवन की कामना करें। इससे आपको समृद्धि और खुशहाल जीवन का आशीर्वाद मिलेगा।


व्रत का पारण कब करें?

योगिनी एकादशी व्रत का पारण 22 जून 2025 को दोपहर 01:47 से 04:35 के बीच किया जाएगा। व्रति को उपवास तोड़ने के लिए कुल 48 मिनट का समय मिलेगा।