रंगजी मंदिर में जन्माष्टमी का भव्य उत्सव, नंदोत्सव का आयोजन

जन्माष्टमी का पर्व
आज जन्माष्टमी का पर्व है, जिसे कृष्ण भक्त बड़े उत्साह के साथ मनाते हैं। इस दिन भगवान श्री कृष्ण का जन्म उत्सव धूमधाम से मनाया जाता है। मथुरा की गलियों से लेकर पूरे देश में राधा-कृष्ण के नाम की गूंज सुनाई देगी। भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव के बाद ब्रजमंडल के मंदिरों और आश्रमों में नंदोत्सव का आयोजन किया जाएगा, जिसमें ब्रजवासियों को उपहार बांटे जाएंगे।
कृष्ण जन्माष्टमी का विशेष आयोजन
18 अगस्त को मनाई जाएगी कृष्ण जन्माष्टमी
हालांकि, रंगजी मंदिर में श्री कृष्ण जन्माष्टमी का उत्सव 18 अगस्त को मनाया जाएगा। इसके बाद 19 अगस्त को नंदोत्सव के अवसर पर लट्ठा मेला आयोजित किया जाएगा। इस मेले में अंतरयामी अखाड़े के पहलवानों को चुनौती दी जाएगी, जिसमें उन्हें तैलीय पदार्थों से भरे लट्ठे पर चढ़ने का प्रयास करना होगा। यदि पहलवान सात प्रयासों में सफल होते हैं, तो उन्हें मंदिर की ओर से पुरस्कार दिया जाएगा। यह मेला 19 अगस्त की शाम को मंदिर परिसर में होगा।
रंगजी मंदिर में विशेष परंपरा
रंगजी मंदिर में भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव दक्षिण भारतीय परंपरा के अनुसार मनाया जाता है। इस मंदिर में उत्सव की तिथि उत्तर भारतीय पंचांग से भिन्न होती है, इसलिए इस बार जन्माष्टमी 18 अगस्त को मनाई जाएगी। नंदोत्सव के रूप में लट्ठा मेला 19 अगस्त की शाम को आयोजित होगा।
महाभिषेक और पूजा
रात में ठाकुरजी का पंचगव्य से महाभिषेक
भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव देश-विदेश में भक्तों द्वारा विभिन्न तरीकों से मनाया जाता है। रंगजी मंदिर में इस अवसर पर रात में ठाकुरजी का पंचगव्य से महाभिषेक किया जाएगा और उन्हें सुंदर वस्त्र एवं आभूषण पहनाए जाएंगे। वेदमंत्रों के बीच आराध्य का पूजन किया जाएगा और अगले दिन शाम को नंदोत्सव के तहत लट्ठा मेला आयोजित होगा।