रवि प्रदोष व्रत 2025: भगवान शिव का आशीर्वाद पाने का सुनहरा अवसर 8 जून को

रवि प्रदोष व्रत का महत्व
सनातन धर्म में रवि प्रदोष व्रत का विशेष स्थान है, जो भगवान शिव की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करने का एक महत्वपूर्ण अवसर माना जाता है।
व्रत की तिथि और मान्यता
यह व्रत हर महीने की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है, और जून 2025 में यह 8 जून, रविवार को आएगा। मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव प्रदोष काल में अपने भक्तों की सभी इच्छाओं को पूरा करते हैं।
व्रत के लाभ
इस व्रत को श्रद्धा और नियम से करने से सुख, समृद्धि, संतान की प्राप्ति, और पापों का नाश होता है। यह न केवल आध्यात्मिक शांति प्रदान करता है, बल्कि मानसिक और शारीरिक कष्टों से भी मुक्ति दिलाता है।
पूजा का समय
8 जून 2025 को रवि प्रदोष व्रत की त्रयोदशी तिथि सुबह 7:17 बजे शुरू होगी और 9 जून को सुबह 9:35 बजे समाप्त होगी। पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 7:18 से 9:19 बजे तक रहेगा।
व्रत की विधि
व्रत की शुरुआत सुबह स्नान और संकल्प के साथ करें। दिनभर फलाहार या एक समय भोजन करें। संध्या में शिवलिंग का जल, दूध, और बेलपत्र से अभिषेक करें।
“ॐ नमः शिवाय” मंत्र का 108 बार जाप करें, शिव चालीसा का पाठ करें, और प्रदोष व्रत कथा का पाठ करें। अंत में आरती और भोग अर्पण के साथ पूजा सम्पन्न करें। यह व्रत वैवाहिक सुख और समृद्धि का आशीर्वाद देता है, जिससे भक्तों का जीवन खुशहाल बनता है।