Newzfatafatlogo

रविवार को करें विशेष व्रत, लाभकारी रहेगा रवि योग

इस रविवार को कार्तिक माह की द्वादशी तिथि पर विशेष व्रत करने का महत्व है। सूर्य और चंद्रमा की स्थिति के अनुसार, यह दिन विशेष फलदायी माना जाता है। जानें कैसे व्रत करने से जीवन में सुख, समृद्धि और स्वास्थ्य की प्राप्ति हो सकती है। इसके साथ ही रवि योग के दौरान निवेश और व्यवसाय की शुरुआत करने के लाभ भी जानें।
 | 
रविवार को करें विशेष व्रत, लाभकारी रहेगा रवि योग

रविवार का महत्व और व्रत विधि

नई दिल्ली: कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि रविवार को है। इस दिन सूर्य तुला राशि में और चंद्रमा कुंभ राशि में सुबह 11:27 बजे तक रहेंगे, इसके बाद वे मीन राशि में प्रवेश करेंगे। द्रिक पंचांग के अनुसार, रविवार को अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:42 बजे से दोपहर 12:26 बजे तक रहेगा, जबकि राहुकाल शाम 4:12 बजे से 5:35 बजे तक रहेगा।


अग्नि और स्कंद पुराण में रविवार के व्रत का उल्लेख किया गया है, जिसमें कहा गया है कि इस व्रत को करने से व्यक्ति के जीवन में सुख, समृद्धि, स्वास्थ्य और मोक्ष की प्राप्ति होती है। यदि आप व्रत शुरू करना चाहते हैं, तो किसी भी महीने के शुक्ल पक्ष के पहले रविवार से आरंभ कर सकते हैं और 12 रविवार तक व्रत रखने के बाद उद्यापन कर सकते हैं।


रविवार का व्रत करने के लिए, जातक को सुबह या ब्रह्म मुहूर्त में उठकर नित्य कर्म और स्नान करना चाहिए। इसके बाद पूजा स्थल को साफ करें और एक चौकी पर कपड़ा बिछाकर पूजन सामग्री रखें। फिर व्रत कथा सुनें और सूर्य देव को तांबे के बर्तन में जल, फूल, अक्षत और रोली डालकर अर्घ्य दें। ऐसा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।


इसके अतिरिक्त, रविवार को आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करने और सूर्य देव के मंत्र "ऊं सूर्याय नमः" या "ऊं घृणि सूर्याय नमः" का जप करने से भी विशेष लाभ होता है। रविवार को गुड़ और तांबे का दान भी महत्वपूर्ण माना जाता है। इन उपायों से सूर्य देव की कृपा प्राप्त होती है, जिससे जीवन में सुख-समृद्धि और सफलता मिलती है।


रवि योग ज्योतिष में एक शुभ योग माना जाता है। यह तब बनता है जब चंद्रमा का नक्षत्र सूर्य के नक्षत्र से चौथे, छठे, नौवें, दसवें और तेरहवें स्थान पर होता है। इस दिन निवेश, यात्रा, शिक्षा या व्यवसाय से संबंधित कार्यों की शुरुआत करना अत्यंत लाभकारी माना जाता है।