राजस्थान के चमत्कारी मंदिर: लकवाग्रस्त मरीजों के लिए आशा की किरण

भारत के चमत्कारी सिद्धपीठ
नई दिल्ली: भारत में कई सिद्धपीठ हैं, जो अपनी अद्भुत कहानियों के लिए जाने जाते हैं। राजस्थान में ऐसे कई प्रसिद्ध मंदिर हैं, जहां लोग लकवे की बीमारी का उपचार कराने के लिए आते हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि इन मंदिरों में कोई औषधि या झाड़-फूक नहीं होती, बल्कि माता की कृपा से यहां आने वाले लकवाग्रस्त मरीज अपने आप ठीक हो जाते हैं। इनमें से एक मंदिर के बाहर लकवाग्रस्त मरीजों की व्हील चेयरें एकत्रित होती हैं, जो इस चमत्कार का प्रमाण हैं।
बिजासन माता का मंदिर
राजस्थान में बिजासन माता का मंदिर, जो टोंक जिले के देवली शहर के पास कुचलवाड़ा में स्थित है, लकवे के मरीजों के लिए प्रसिद्ध है। यहां आने वाले लोग गंभीर लकवे से ग्रस्त होते हैं, लेकिन माता की कृपा से वे स्वस्थ होकर लौटते हैं। इस मंदिर की बढ़ती लोकप्रियता के कारण श्रद्धालुओं की संख्या में भी इजाफा हुआ है।
आवरी माता का मंदिर
चित्तौड़गढ़ में स्थित आवरी माता का मंदिर भी लकवे के उपचार के लिए जाना जाता है। यह मंदिर आसावरा गांव में है और इसकी उम्र 750 साल से अधिक है। मान्यता है कि जो भी लकवाग्रस्त व्यक्ति यहां मां आवरी के दर्शन करता है, वह अपने पैरों पर वापस लौटता है। इस विश्वास के चलते श्रद्धालुओं की आस्था आज भी बनी हुई है।
ईडाणा माता मंदिर
उदयपुर से 60 किमी दूर अरावली पहाड़ियों में स्थित ईडाणा माता का मंदिर भी अपने चमत्कारों के लिए प्रसिद्ध है। यहां माता ईडाणा अग्निस्नान करती हैं, और भक्त इस अद्भुत दृश्य को देखने के लिए दूर-दूर से आते हैं। यह अग्नि कैसे प्रज्वलित होती है, यह किसी को नहीं पता। मां अग्निस्नान के बाद खुद को शांत कर लेती हैं और भक्तों को शारीरिक रोगों से मुक्त करती हैं। इस मंदिर का नाम उदयपुर मेवल की महारानी के नाम पर रखा गया है।