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वट पूर्णिमा व्रत 2025: पति की लंबी उम्र के लिए करें ये विशेष उपाय

वट पूर्णिमा व्रत 2025 का महत्व और इसके साथ किए जाने वाले विशेष उपायों के बारे में जानें। यह व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए अपने पतियों की लंबी उम्र और सुखद दांपत्य जीवन का प्रतीक है। जानें कैसे वट वृक्ष की पूजा और अन्य उपायों से आप अपने जीवन में खुशियों को बढ़ा सकते हैं।
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वट पूर्णिमा व्रत 2025: पति की लंबी उम्र के लिए करें ये विशेष उपाय

वट पूर्णिमा व्रत का महत्व

Vat Purnima Vrat 2025: वट पूर्णिमा का व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए प्रेम और आस्था का प्रतीक है। इस दिन, महिलाएं अपने पतियों की लंबी उम्र के लिए निर्जला उपवास रखती हैं और वट वृक्ष की पूजा करती हैं। यह व्रत हर साल ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है, जो इस वर्ष 10 जून 2025, मंगलवार को है।


रात के विशेष उपाय

शास्त्रों के अनुसार, इस पावन दिन पर निर्जला व्रत के साथ-साथ कुछ विशेष उपाय करना भी लाभकारी होता है। ये उपाय व्रति को पति की लंबी उम्र और अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद दिलाते हैं। आइए जानते हैं वट सावित्री पूर्णिमा की रात किए जाने वाले उपायों के बारे में।


वट पूर्णिमा व्रत के उपाय


  • वट पूर्णिमा की रात, वट वृक्ष की पूजा सच्चे मन से करें। वृक्ष की परिक्रमा करते हुए उस पर 7 बार कच्चा धागा लपेटें। पेड़ की जड़ के पास घी का दीपक जलाएं और विष्णु मंत्रों का जाप करें। इससे आपको विष्णु जी का आशीर्वाद प्राप्त होगा और अखंड सौभाग्य का वरदान भी मिल सकता है।

  • पति-पत्नी को मिलकर बरगद के पेड़ की पूजा करनी चाहिए और गरीबों को अन्न, वस्त्र और धन का दान करना चाहिए। इससे पुण्य प्राप्त होगा और रिश्ते में मजबूती आएगी।

  • यदि घर में अक्सर क्लेश होते हैं, तो भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करें और घर में घी का दीपक जलाएं। इससे नकारात्मक ऊर्जा दूर होगी और रिश्तों में सुधार होगा।


वट पूर्णिमा व्रत की कथा

वट पूर्णिमा का व्रत देवी सावित्री और राजकुमार सत्यवान की कथा से जुड़ा है। सावित्री का विवाह सत्यवान से हुआ था, जो बहुत कम उम्र में मृत्यु को प्राप्त हो गए थे। सावित्री ने अपनी तपस्या से यमराज को प्रसन्न किया और अपने पति को नया जीवन दिलाया। देवी सावित्री ने यमराज को प्रसन्न करने के लिए वट वृक्ष की पूजा की थी। इसीलिए, इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पतियों की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं और वट पेड़, देवी सावित्री और राजकुमार सत्यवान की पूजा करती हैं।