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वट सावित्री पूर्णिमा 2025: सुहागिन महिलाओं के लिए विशेष पर्व

वट सावित्री पूर्णिमा 2025 का पर्व 10 और 11 जून को मनाया जाएगा, जो विशेष रूप से विवाहित महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण है। इस दिन महिलाएं अपने पतियों की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करते हुए बरगद के पेड़ की पूजा करती हैं। जानें इस पर्व का महत्व, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त के बारे में।
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वट सावित्री पूर्णिमा 2025: सुहागिन महिलाओं के लिए विशेष पर्व

वट सावित्री पूर्णिमा 2025 का महत्व

वट सावित्री पूर्णिमा 2025: आज ज्येष्ठ पूर्णिमा का पावन अवसर है। इस दिन मनाया जाने वाला वट सावित्री व्रत 2025 में 10 और 11 जून को धूमधाम से आयोजित किया जाएगा। यह व्रत विशेष रूप से विवाहित महिलाओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन महिलाएं अपने पतियों की लंबी उम्र, सुख-समृद्धि और अखंड सौभाग्य की कामना करते हुए बरगद के पेड़ की पूजा करती हैं। मान्यता है कि इसी दिन सावित्री ने अपने तप और श्रद्धा से यमराज से अपने पति सत्यवान के प्राण वापस प्राप्त किए थे। इस प्रकार, यह व्रत पति-पत्नी के प्रेम और समर्पण का प्रतीक बन गया है।


पूजन के लिए शुभ मुहूर्त

इन शुभ मुहूर्त में करें पूजन

इस वर्ष पूजा के लिए 10 जून को कई शुभ योग बन रहे हैं। अभिजीत मुहूर्त 11:53 AM से 12:49 PM तक रहेगा। विजय मुहूर्त 02:40 PM से 03:36 PM तक होगा। अमृत काल 06:32 AM से 08:18 AM तक रहेगा। इस दिन व्रत करने वाली महिलाएं दिनभर निराहार रहकर वट वृक्ष की पूजा करती हैं, कथा सुनती हैं और परिक्रमा करती हैं। ऐसा माना जाता है कि इस व्रत को श्रद्धा और नियम से करने पर महिलाओं को सौभाग्यवती होने का आशीर्वाद प्राप्त होता है।


व्रत के लाभ

व्रत करने से मिलता है लाभ

महिलाएं हर साल श्रद्धा के साथ अपने पतियों की लंबी उम्र के लिए इस व्रत को करती हैं। ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार, इस व्रत के पालन से न केवल पतियों को लंबी आयु मिलती है, बल्कि उनका स्वास्थ्य भी बेहतर रहता है।