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विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी: 10 सितंबर को गणेश पूजा का विशेष महत्व

विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी, जो 10 सितंबर 2025 को मनाई जाएगी, भगवान गणेश के भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण पर्व है। इस दिन विशेष शुभ योग बन रहे हैं, जो पूजा को फलदायी बनाते हैं। जानें इस पर्व की तिथि, शुभ योग और इसके महत्व के बारे में।
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विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी: 10 सितंबर को गणेश पूजा का विशेष महत्व

विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी का महत्व

विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी: 10 सितंबर को मनाई जाएगी! जानें गणेश पूजा का शुभ योग और तिथि: नई दिल्ली |

आश्विन मास का यह पवित्र पर्व भगवान गणेश के भक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है। हर हिंदू महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी मनाई जाती है, और इसे आश्विन मास में विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है। वर्ष 2025 में यह व्रत 10 सितंबर, बुधवार को आयोजित होगा।

इस दिन कुछ विशेष शुभ योग बन रहे हैं, जो गणपति की पूजा को और भी फलदायी बनाएंगे। आइए जानते हैं इस पर्व की तिथि, शुभ योग और इसके महत्व के बारे में।


विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी 2025 की तिथि

विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी की तिथि और समय:

2025 में विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी का व्रत 10 सितंबर, बुधवार को रखा जाएगा। पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 10 सितंबर को दोपहर 3:37 बजे शुरू होगी और अगले दिन 11 सितंबर को दोपहर 12:45 बजे समाप्त होगी। इस दिन चंद्र दर्शन रात 8:06 बजे होगा, जो पूजा के लिए महत्वपूर्ण है।


शुभ योग और गणपति पूजा का महत्व

इस दिन के शुभ योग:

इस वर्ष विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी पर कई शुभ योग बन रहे हैं, जो इसे और भी खास बनाते हैं। ज्योतिषियों के अनुसार, इस दिन वृद्धि योग, ध्रुव योग और शिववास योग का संयोग बनेगा।

मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती कैलाश पर्वत पर एक साथ विराजमान होते हैं। इन शुभ योगों में भगवान गणेश की पूजा करना अत्यंत फलदायी माना जाता है, जो सभी बाधाओं को दूर कर मनचाहा वर प्रदान करता है।