विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी 2025: पूजा विधि और महत्व

आश्विन माह का महत्व
वैदिक पंचांग के अनुसार, आश्विन माह की शुरुआत 08 सितंबर से हुई है। हिंदू धर्म में इस महीने को विशेष महत्व दिया जाता है। इस दौरान कई पर्व और व्रत मनाए जाते हैं, जिनमें विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी का पर्व भी शामिल है। इस वर्ष, यह पर्व 10 सितंबर 2025 को मनाया जाएगा। इस दिन भगवान गणेश की पूजा का विशेष महत्व है, और उन्हें विशेष भोग अर्पित किया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, विधिपूर्वक चतुर्थी व्रत करने से जातक की सभी बाधाएं दूर होती हैं और उन्हें शुभ फल की प्राप्ति होती है।
तिथि और मुहूर्त
इस बार चतुर्थी तिथि 10 सितंबर को दोपहर 03:37 मिनट से शुरू होगी और अगले दिन, 11 सितंबर को दोपहर 12:45 मिनट पर समाप्त होगी। उदयातिथि के अनुसार, विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी का पर्व 10 सितंबर 2025 को मनाया जाएगा।
पूजन विधि
इस दिन सुबह जल्दी स्नान करने के बाद सूर्य देव को जल अर्पित करें। फिर घर के पूजा स्थान को गंगाजल से शुद्ध करें और एक वेदी पर लाल कपड़ा बिछाएं। इस वेदी पर भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करें। इसके बाद, हाथ में जल और चावल लेकर व्रत का संकल्प लें। गणपति बप्पा का विधि-विधान से अभिषेक करें और उनके समक्ष घी का दीपक जलाएं। बप्पा को लाल फूल, रोली, दूर्वा और चंदन अर्पित करें, और लड्डू तथा मिठाइयों का भोग लगाएं।
भगवान गणेश के मंत्रों का जाप करें, संकष्टी चतुर्थी की व्रत कथा पढ़ें या सुनें। पूजा के अंत में भगवान गणेश की विधिपूर्वक पूजा करें। रात में चंद्र देव के दर्शन करें और उन्हें अर्घ्य अर्पित करना न भूलें।