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विनायक चतुर्थी 2025: गणपति की पूजा विधि और महत्व

विनायक चतुर्थी 2025 का पवित्र दिन 28 जून को मनाया जाएगा, जब भक्त भगवान गणेश की आराधना करेंगे। इस दिन की पूजा विधि और महत्व को समझकर, भक्त अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति का आश्वासन प्राप्त कर सकते हैं। सही मुहूर्त में पूजा करने से जीवन में सुख और समृद्धि का आगमन होता है। जानें इस दिन की विशेष पूजा विधि और व्रत पारण की प्रक्रिया, जिससे आप गणपति बप्पा के आशीर्वाद का लाभ उठा सकें।
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विनायक चतुर्थी 2025: गणपति की पूजा विधि और महत्व

विनायक चतुर्थी 2025: गणपति की पूजा से हर इच्छा होगी पूरी

विनायक चतुर्थी 2025 का पवित्र अवसर नजदीक आ रहा है, जिससे भक्तों में उत्साह की लहर है! यह दिन 28 जून को आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर मनाया जाएगा, जब भक्त भगवान गणेश की आराधना में लीन होंगे। विघ्नहर्ता और बुद्धि के दाता गणपति बप्पा की पूजा से हर मनोकामना पूरी होने का आश्वासन मिलता है। यदि आप नए कार्य की शुरुआत करना चाहते हैं या जीवन की समस्याओं से मुक्ति पाना चाहते हैं, तो विनायक चतुर्थी की पूजा आपके लिए चमत्कार ला सकती है। आइए, इस पवित्र दिन की तिथि, पूजा विधि और इसके महत्व को विस्तार से समझते हैं!


विनायक चतुर्थी 2025: शुभ मुहूर्त

विनायक चतुर्थी 2025 की तिथि 28 जून को सुबह 7:17 बजे से शुरू होगी और 29 जून को सुबह 6:56 बजे समाप्त होगी। गणपति की पूजा के लिए मध्याह्न का समय सबसे शुभ माना जाता है। इस बार दोपहर 11:25 से 1:56 बजे तक का समय पूजा के लिए आदर्श है। इस शुभ मुहूर्त में बप्पा की आराधना करने से आपके कार्यों में सफलता और जीवन में सुख-शांति का आगमन होता है। इस समय का लाभ उठाना न भूलें, क्योंकि गणपति की कृपा इस दिन और भी प्रभावशाली होती है।


पूजा विधि

विनायक चतुर्थी 2025 की पूजा की शुरुआत सुबह जल्दी उठकर स्नान करने और साफ कपड़े पहनने से करें। पूजा स्थल को स्वच्छ करें और गणपति का स्मरण करते हुए व्रत का संकल्प लें। मन में कहें, “हे गणपति, मैं आपकी कृपा और मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए यह व्रत कर रहा/रही हूं।” एक चौकी पर लाल या पीला कपड़ा बिछाएं और गणेश जी की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें। मूर्ति को गंगाजल मिले जल से स्नान कराएं। पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, गंगाजल) से अभिषेक करें, फिर शुद्ध जल से स्नान कराएं। बप्पा को लाल चंदन, गुड़हल के फूल और 21 दूर्वा की गांठें चढ़ाएं। मोदक, लड्डू, केला और नारियल का भोग लगाएं। “ॐ गं गणपतये नमः” और “वक्रतुंड महाकाय” मंत्र का जाप करें। अंत में क्षमा याचना करें और अपनी मनोकामनाएं बप्पा के सामने रखें।


व्रत पारण

विनायक चतुर्थी 2025 का व्रत पारण अगले दिन, 29 जून को करें। चूंकि चतुर्थी पर चंद्र दर्शन वर्जित हैं, रात में चंद्रमा देखने से बचें। अगले दिन सूर्योदय के बाद और चतुर्थी तिथि खत्म होने से पहले स्नान करें। गणपति की पूजा करें और ब्राह्मणों या जरूरतमंदों को दान दें। सात्विक भोजन (बिना प्याज-लहसुन) ग्रहण करके व्रत खोलें। यह प्रक्रिया आपके व्रत को पूर्ण करती है और गणपति की कृपा को आपके जीवन में लाती है। इस दौरान मन को शुद्ध और सकारात्मक रखें।


विनायक चतुर्थी का महत्व

विनायक चतुर्थी 2025 भगवान गणेश की भक्ति का एक अनमोल अवसर है। गणपति को विघ्नहर्ता और बुद्धि का दाता माना जाता है। इस दिन व्रत और पूजा करने से जीवन की सभी बाधाएं दूर होती हैं। चाहे आप पढ़ाई में सफलता चाहते हों, नौकरी में तरक्की, या घर में सुख-समृद्धि, गणपति की कृपा हर मनोकामना पूरी करती है। यह दिन न केवल आध्यात्मिक शुद्धि देता है, बल्कि आपके कार्यों को आसान बनाता है। सच्चे मन से की गई पूजा आपके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाती है।


गणपति बप्पा का आशीर्वाद

विनायक चतुर्थी 2025 आपके लिए गणपति बप्पा के आशीर्वाद का खजाना लेकर आ रही है। इस शुभ दिन को पूजा, व्रत और भक्ति के साथ मनाएं। सही मुहूर्त में पूजा करें और अपने जीवन को सुख, समृद्धि और सफलता से भर दें। गणपति बप्पा मोरया!