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विनायक चतुर्थी पर घर में खुशहाली लाने के उपाय

विनायक चतुर्थी पर भगवान गणेश की पूजा के साथ कुछ विशेष उपाय करने से जीवन की बाधाएं दूर हो सकती हैं। इस लेख में जानें कि कैसे चार लौंग डालकर गाय के घी का दीपक जलाना, आटे के दीपक में तेल डालकर जलाना, और मुख्य द्वार पर दीपक जलाना आपके घर में खुशहाली ला सकता है। इन सरल उपायों के माध्यम से आप सकारात्मक ऊर्जा का संचार कर सकते हैं और धन संबंधी समस्याओं से मुक्ति पा सकते हैं।
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विनायक चतुर्थी पर घर में खुशहाली लाने के उपाय

जीवन की बाधाओं को दूर करने के उपाय


जीवन की सभी बाधाएं होंगी दूर, घर में आएंगी खुशहाली
विनायक चतुर्थी हर महीने की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को मनाई जाती है, जो भगवान गणेश को समर्पित है। इस वर्ष, यह पर्व 24 नवंबर को मनाया जा रहा है। इस दिन विधिपूर्वक गणेश जी की पूजा करने से जीवन की सभी बाधाएं समाप्त होती हैं और घर में सुख-समृद्धि का वास होता है।


चार लौंग डालकर गाय के घी का दीपक जलाएं

विनायक चतुर्थी की पूजा के बाद, एक मिट्टी के दीपक में गाय का घी भरकर उसमें चार लौंग डालें और जलाएं। इससे दरिद्रता दूर होती है और धन के आगमन के रास्ते खुलते हैं। दीपक जलाते समय भगवान गणेश के चरणों में 21 दूर्वा अर्पित करें और 'ॐ गं गणपतये नम:' का जाप करें।


आटे के दीपक में सरसों या तिल का तेल डालकर जलाएं

विनायक चतुर्थी की रात, आटे का दीपक बनाकर उसमें सरसों या तिल का तेल भरकर पीपल के पेड़ के नीचे जलाएं। इससे शनि और राहु के दोषों से मुक्ति मिलती है। यदि आप किसी रोग या कर्ज से परेशान हैं, तो यह उपाय धन संबंधी समस्याओं को हल करने में मदद करेगा।


घर के मुख्य द्वार पर दो मुखी दीपक जलाएं

विनायक चतुर्थी की रात, मुख्य द्वार पर घर के अंदर की ओर मुंह करके दो मुखी दीपक जलाएं। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और नकारात्मक शक्तियों से छुटकारा मिलता है।


गणेश जी के सामने जलाएं अखंड दीपक

यदि आप किसी बड़े कार्य में बाधाओं का सामना कर रहे हैं, तो विनायक चतुर्थी की पूजा के समय एक शुद्ध घी का अखंड दीपक गणेश जी के सामने जलाएं। दीपक जलाते समय वैदिक मंत्रों का जाप करें। इससे भगवान गणेश की कृपा प्राप्त होती है और सभी रुकावटें दूर होती हैं।


ध्यान रखें ये बातें


  • दीपक हमेशा साफ जगह पर जलाएं।

  • दीपक जलाने से पहले और बाद में भगवान गणेश का ध्यान करें और अपनी मनोकामना व्यक्त करें।

  • पूजा में तुलसी का प्रयोग न करें, क्योंकि यह गणेश जी को अर्पित नहीं की जाती है।