विनायक चतुर्थी: पूजा के दौरान भगवान गणेश के मंत्रों का जाप करें
विनायक चतुर्थी के अवसर पर भगवान गणेश की पूजा का महत्व अत्यधिक है। इस दिन विधिपूर्वक पूजा करने से जीवन के सभी संकट दूर हो जाते हैं। विशेष मंत्रों का जाप करने से भगवान गणेश की कृपा प्राप्त होती है। जानें इन मंत्रों के बारे में और कैसे ये आपके जीवन में सकारात्मकता ला सकते हैं।
| Nov 24, 2025, 07:20 IST
जीवन के सभी कष्ट होंगे दूर
Vinayak Chaturthi, नई दिल्ली: आज विनायक चतुर्थी का पर्व मनाया जा रहा है। इस दिन विधिपूर्वक पूजा और व्रत करने से भगवान गणेश की कृपा प्राप्त होती है। पूजा के समय कुछ विशेष मंत्रों का जाप करना भी आवश्यक है, क्योंकि ऐसा करने से जीवन की सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं। भगवान गणेश ज्ञान और बुद्धि के दाता माने जाते हैं और सभी प्रकार की कठिनाइयों को समाप्त करने में सहायक होते हैं। विनायक चतुर्थी का यह दिन भगवान गणेश की कृपा पाने का एक महत्वपूर्ण अवसर है।
गणेश मंत्र
- ऊँ वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटि समप्रभ।
निर्विघ्नं कुरू मे देव, सर्व कायेर्षु सर्वदा ॥ - ऊँ एकदन्ताय विहे वक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो दन्ति: प्रचोदयात्॥
- ह्यगणपूज्यो वक्रतुण्ड एकदंष्ट्री त्रियम्बक:।
नीलग्रीवो लम्बोदरो विकटो विघ्रराजक:।। - धूम्रवर्णों भालचन्द्रो दशमस्तु विनायक:।
गणपर्तिहस्तिमुखो द्वादशारे यजेद्गणम।। - ॐ वक्रतुण्डैक दंष्ट्राय क्लीं ह्रीं श्रीं गं गणपते वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा।
- दन्ताभये चक्रवरौ दधानं, कराग्रगं स्वर्णघटं त्रिनेत्रम्।
- धृताब्जयालिङ्गितमाब्धि पुत्र्या-लक्ष्मी गणेशं कनकाभमीडे॥
- ॐ श्रीं गं सौभाग्य गणपतये वर्वर्द सर्वजन्म में वषमानय नम:।।
- ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं चिरचिर गणपतिवर वर देयं मम वाँछितार्थ कुरु कुरु स्वाहा।
- गणपतिर्विघ्नराजो लम्बतुण्डो गजानन:।
द्वैमातुरश्च हेरम्ब एकदन्तो गणाधिप:॥ - विनायकश्चारुकर्ण: पशुपालो भवात्मज:।
द्वादशैतानि नामानि प्रातरुत्थाय य: पठेत्॥
विश्वं तस्य भवेद्वश्यं न च विघ्नं भवेत् क्वचित्। - ॐ श्रीं गं सौभ्याय गणपतये वर वरद सर्वजनं में वशमानय स्वाहा।
