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विनायक चतुर्थी: मार्गशीर्ष माह की विशेष पूजा आज

आज, 24 नवंबर को मार्गशीर्ष माह की शुक्ल चतुर्थी तिथि है, जब विनायक चतुर्थी का पर्व मनाया जाता है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा का विशेष महत्व है। जानें इस पर्व के शुभ मुहूर्त, भद्रा का साया, और पूजा विधि के बारे में। इस अवसर पर सच्चे मन से की गई पूजा से सभी बाधाएं दूर होती हैं और जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।
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विनायक चतुर्थी: मार्गशीर्ष माह की विशेष पूजा आज

पूजा का शुभ मुहूर्त


Vinayak Chaturthi, दिल्ली: आज, 24 नवंबर को मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि है। इस दिन हर महीने विनायक चतुर्थी का पर्व मनाया जाता है। इस अवसर पर भगवान गणेश की पूजा का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन सच्चे मन से गणपति बप्पा की पूजा करने से सभी बाधाएं दूर होती हैं और जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।


आज के शुभ मुहूर्त


  • अभिजीत मुहूर्त: प्रात: 11:47 से 12:29 बजे तक

  • अमृत काल: सायं 04:36 से 06:22 बजे तक


भद्रा का साया

इस बार की विनायक चतुर्थी पर भद्रा का साया रहेगा। 24 नवंबर को सुबह 08:25 से रात 09:22 बजे तक भद्रा का प्रभाव रहेगा। हालांकि, इस समय भद्रा का वास पाताल लोक में होगा, जिससे पूजा पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा।


विनायक चतुर्थी व्रत का महत्व

विनायक चतुर्थी का व्रत भगवान गणेश की कृपा प्राप्त करने के लिए किया जाता है, जिससे सुख, शांति और धन की प्राप्ति होती है। इस दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान कर गणेश जी की पूजा की जाती है और दिनभर उपवास रखा जाता है। शाम को पूजा के बाद विनायक चतुर्थी व्रत कथा सुनकर और प्रसाद ग्रहण करके ही भोजन किया जाता है।



  • यह व्रत जीवन से सभी बाधाओं और संकटों को दूर करने के लिए किया जाता है।

  • विनायक चतुर्थी व्रत से बुद्धि, धन, बल और पारिवारिक खुशहाली की प्राप्ति होती है।

  • मान्यता है कि इस व्रत को करने से छात्रों की समस्याएं भी समाप्त होती हैं।

  • संतान प्राप्ति के लिए भी यह व्रत फलदायी माना जाता है।


विनायक चतुर्थी पूजा विधि


  • सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।

  • स्नान के बाद गणपति जी के व्रत के लिए संकल्प लें।

  • गणेश जी की प्रतिमा स्थापित करें और उनका पूजन करें।

  • गणेश जी को सिंदूर, दूर्वा, फूल और 21 मोदक या घी के लड्डू का भोग लगाएं।

  • गणपति बप्पा के मंत्रों का जाप करें और उनकी आरती करें।

  • शाम को भोजन करने से पहले विनायक चतुर्थी व्रत कथा का पाठ करें।

  • पूजा के बाद प्रसाद बांटें और जरूरतमंदों को दान भी दें।


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