शरद पूर्णिमा पर मां लक्ष्मी की कृपा पाने के उपाय
शरद पूर्णिमा, जिसे कोजागरी पूर्णिमा भी कहा जाता है, मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। इस रात चंद्रमा की किरणों से अमृत निकलता है, और विशेष उपाय करने से धन-संपत्ति में वृद्धि होती है। जानें इस रात के लिए खास उपाय जैसे सुपारी की पूजा, खीर का भोग, और अन्य धार्मिक अनुष्ठान। साथ ही, कोजागर व्रत का महत्व और इसके विशेष अनुष्ठान के बारे में भी जानकारी प्राप्त करें।
Oct 6, 2025, 07:26 IST
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मां लक्ष्मी का आशीर्वाद
शरद पूर्णिमा का महत्व
इस साल की सभी पूर्णिमा तिथियों में शरद पूर्णिमा का विशेष स्थान है। इसे कोजागरी पूर्णिमा भी कहा जाता है। इस दिन चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं से पूर्ण होता है, और उसकी किरणों से अमृत निकलता है। इस रात कुछ खास उपाय करने से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। आइए जानते हैं उन उपायों के बारे में।
पूर्णिमा की रात करें ये उपाय
- एक सुपारी और लाल धागा लें। रात में मां लक्ष्मी की विधिपूर्वक पूजा करें। पूजा के दौरान सुपारी को लाल धागे से लपेटकर मां लक्ष्मी को अर्पित करें। साथ में फूल, माला, सिंदूर और अक्षत भी चढ़ाएं। अगले दिन सुबह स्नान के बाद इस सुपारी को अपने धन रखने के स्थान में रख दें। ऐसा करने से घर में धन-संपत्ति की कमी नहीं होती है।
- गाय के दूध और चावल की खीर बनाकर रात भर खुले आसमान के नीचे रखें ताकि चंद्रमा की किरणें उस पर पड़ सकें। अगले दिन सुबह इस खीर का सेवन परिवार के सभी सदस्य करें। इससे रोग-दोष से मुक्ति मिलती है।
- कर्ज से मुक्ति और धन लाभ के लिए शरद पूर्णिमा की रात श्री सूक्त या कनकधारा स्तोत्र का पाठ करें।
- मां लक्ष्मी की पूजा के दौरान उन्हें 5 पीली कौड़ियां अर्पित करें। पूजा के बाद इन कौड़ियों को लाल कपड़े में बांधकर तिजोरी में रख दें। इससे घर में स्थायी धन का आगमन होगा।
- इस रात तुलसी के पौधे के नीचे घी का दीपक जलाएं और मां तुलसी की परिक्रमा करें। इससे मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।
अन्य महत्वपूर्ण उपाय
- इस दिन सफेद वस्त्र पहनकर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए।
- कनकधारा स्तोत्र का पाठ और ऊं श्रीं महालक्ष्म्यै नम: मंत्र का 108 बार जाप करने से धन-धान्य में वृद्धि होती है।
- रात को केसर युक्त खीर बनाकर चंद्रमा की रोशनी में रखना और उसे प्रसाद के रूप में ग्रहण करना स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए लाभकारी माना जाता है।
- अगर किसी के दांपत्य जीवन में समस्याएं हैं, तो पति-पत्नी चंद्रमा को दूध का अर्घ्य दे सकते हैं, जिससे चंद्र दोष के प्रभाव को कम किया जा सकता है।
- पीपल की पूजा और माता लक्ष्मी के मंदिर में नारियल, मेवे व लाल चुनरी अर्पित करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
कोजागर व्रत का महत्व
पश्चिम बंगाल, ओडिशा और असम में कोजागर व्रत का विशेष महत्व है। इसे कोजागरी पूजा, बंगाली लक्ष्मी पूजा और कौमुदी व्रत के नाम से भी जाना जाता है। इस रात माता लक्ष्मी जागते हुए भक्तों को धन-धान्य से समृद्ध करती हैं। स्कन्दपुराण के अनुसार, यह व्रत ऐश्वर्य, स्वास्थ्य और सुख प्रदान करता है। भक्त रात्रि जागरण कर माता लक्ष्मी की पूजा करते हैं और विशेष अनुष्ठान करते हैं।