शारदीय नवरात्रि: पूजा और व्रत के नियम

शारदीय नवरात्रि का महत्व
शारदीय नवरात्रि पूजा एवं व्रत नियम: सनातन धर्म के अनुयायियों के लिए मां दुर्गा को समर्पित शारदीय नवरात्रि का पर्व अत्यंत महत्वपूर्ण है, जो 9 दिनों तक मनाया जाता है। इस दौरान मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा की जाती है, जिनमें देवी शैलपुत्री, देवी ब्रह्मचारिणी, देवी चंद्रघंटा, देवी कूष्मांडा, देवी स्कंदमाता, देवी कात्यायिनी, देवी कालरात्रि, देवी महागौरी और देवी सिद्धिदात्री शामिल हैं। इस पर्व के दौरान व्रत भी रखा जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, जिन पर मां दुर्गा की कृपा होती है, वे भय, नकारात्मकता, रोग और असफलता से मुक्त होते हैं।
नवरात्रि का समय
द्रिक पंचांग के अनुसार, हर साल आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत होती है। इस वर्ष, यह पर्व 22 सितंबर से शुरू होकर 1 अक्टूबर 2025 तक चलेगा। इस बार, तृतीया तिथि 24 और 25 सितंबर को पड़ने के कारण नवरात्रि 10 दिन तक मनाई जाएगी। आइए जानते हैं कि नवरात्रि के दौरान किन 10 कार्यों से भक्तों को मां दुर्गा की नाराजगी का सामना करना पड़ सकता है।
शारदीय नवरात्रि व्रत के नियम
शारदीय नवरात्रि व्रत के नियम
- नवरात्रि के 9 दिनों में दाढ़ी, मूंछ, बाल और नाखून नहीं काटें।
- यदि घर में कलश की स्थापना की गई है, तो 9 दिनों तक घर को खाली न छोड़ें। हमेशा कोई न कोई घर में होना चाहिए और अखंड ज्योत जलती रहनी चाहिए।
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- नवरात्रि के दौरान घर में तामसिक और मांसाहारी चीजें न लाएं और न ही उनका सेवन करें। व्रती को सरसों का तेल, तिल, अनाज और नमक का सेवन नहीं करना चाहिए।
- नवरात्रि के 9 दिनों में किसी से झगड़ा न करें और नकारात्मकता को अपने ऊपर हावी न होने दें। मानसिक जाप करें।
- नौ दिन मां दुर्गा की सुबह-शाम पूजा करें।
- गंदे, बिना धुले और काले कपड़े न पहनें।
- 9 दिन चमड़े की वस्तुओं का उपयोग न करें।
- व्रती को 9 दिन नींबू नहीं काटना चाहिए।
- व्रती को 9 दिन दोपहर में सोना नहीं चाहिए।
- नवरात्रि के 9 दिनों में शारीरिक संबंध न बनाएं।
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