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शुक्रवार को सर्वार्थ सिद्धि योग: माता लक्ष्मी की आराधना का महत्व

15 अगस्त को सर्वार्थ सिद्धि योग का शुभ संयोग बन रहा है, जो माता लक्ष्मी की आराधना के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस दिन की गई पूजा से आर्थिक समृद्धि और पारिवारिक सुख की प्राप्ति होती है। जानें इस दिन की पूजा विधि और दान-पुण्य का महत्व।
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शुक्रवार को सर्वार्थ सिद्धि योग: माता लक्ष्मी की आराधना का महत्व

सर्वार्थ सिद्धि योग का महत्व

नई दिल्ली: शुक्रवार, 15 अगस्त को दृक पंचांग के अनुसार सर्वार्थ सिद्धि योग का शुभ संयोग बन रहा है। यह योग धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है, खासकर माता लक्ष्मी की पूजा और सुख-समृद्धि की कामना के लिए।


तिथियों और नक्षत्रों का विवरण

दृक पंचांग के अनुसार, सप्तमी तिथि सुबह 11:49 बजे तक रहेगी, इसके बाद अष्टमी तिथि का आरंभ होगा। नक्षत्रों में अश्विनी सुबह 7:36 बजे तक रहेगा, इसके बाद भरणी नक्षत्र शुरू होगा। चंद्रमा मेष राशि में प्रवेश करेगा। सूर्योदय सुबह 5:50 बजे और सूर्यास्त शाम 7 बजे होगा। राहुकाल सुबह 10:47 से दोपहर 12:25 बजे तक रहेगा, इस दौरान शुभ कार्यों से बचना चाहिए।


सर्वार्थ सिद्धि योग का विशेष महत्व

इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग बन रहा है, जिसे अति उत्तम माना जाता है। इस योग में किए गए सभी कार्यों में सफलता की संभावना अधिक होती है। माता लक्ष्मी, जिन्हें विष्णुप्रिया के रूप में पूजा जाता है, की आराधना इस दिन विशेष फलदायी होती है। माता लक्ष्मी धन, समृद्धि और सौभाग्य की देवी मानी जाती हैं।


आराधना की विधि

धर्मशास्त्रों में माता लक्ष्मी की पूजा के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई है। सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें। पूजा स्थल पर गंगाजल छिड़कें और माता लक्ष्मी की मूर्ति या चित्र को लाल कपड़े पर स्थापित करें। दीप जलाएं और फूल, चंदन, अक्षत, कुमकुम और मिठाई का भोग अर्पित करें। माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए ‘श्री सूक्त’ और ‘कनक धारा’ का पाठ करें और ‘ओम श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः’ मंत्र का जप करें। विष्णुप्रियाय नमः का जप भी फलदायी होता है।


दान और पुण्य का महत्व

पूजा के अंत में कमल के फूल पत्र अर्पित करें और लक्ष्मी चालीसा का पाठ करें। प्रसाद के रूप में मिश्री, खीर और बर्फी बांटें। इस दिन दान-पुण्य का विशेष महत्व है, इसलिए गरीबों को भोजन, वस्त्र या धन दान करें।


ज्योतिषीय दृष्टिकोण

ज्योतिष शास्त्र में सर्वार्थ सिद्धि योग का विशेष महत्व है। ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि इस योग में की गई पूजा न केवल आर्थिक समृद्धि लाती है, बल्कि पारिवारिक सुख और शांति भी प्रदान करती है। यह दिन नए कार्यों की शुरुआत और निवेश के लिए भी शुभ माना जाता है। माता लक्ष्मी की कृपा से भक्तों के जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है।