श्रावण पूर्णिमा व्रत 2025: पूजा विधि और पारण का सही समय

श्रावण पूर्णिमा व्रत 2025
Shravan Purnima Vrat 2025: हर महीने की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को विशेष व्रत किया जाता है। इस दिन चंद्र देव अपने सम्पूर्ण रूप में प्रकट होते हैं, इसलिए भगवान विष्णु, शिव जी और चंद्र देव की पूजा करना अत्यंत लाभकारी माना जाता है। इस वर्ष श्रावण का महीना चल रहा है, और 9 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा का व्रत मनाया जाएगा।
धार्मिक मान्यता के अनुसार, जो लोग श्रद्धा से श्रावण पूर्णिमा का व्रत करते हैं, उन्हें पापों से मुक्ति मिलती है और पुण्य की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही, परिवार में सुख-शांति का वास होता है। कुछ लोग चंद्र दोष से मुक्ति पाने के लिए भी इस व्रत का पालन करते हैं। आइए जानते हैं श्रावण पूर्णिमा व्रत की पूजा विधि, नियम और पारण का सही समय।
श्रावण पूर्णिमा की पूजा विधि
श्रावण पूर्णिमा की पूजा विधि
- सुबह किसी पवित्र नदी में स्नान करें।
- पितरों के नाम पर तर्पण करें।
- व्रत का संकल्प लें।
- भगवान गणेश, कलश, देवी पार्वती, शिव जी, विष्णु जी, माता लक्ष्मी और चंद्र देव की पूजा करें।
- देवी-देवताओं को फल, फूल, मिठाई और वस्त्र अर्पित करें।
- शाम को चंद्र देव को अर्घ्य अर्पित करें।
- श्रावण पूर्णिमा की कथा पढ़ें या सुनें।
- व्रत का पारण करने से पहले दान करें।
पूर्णिमा व्रत से जुड़े नियम
पूर्णिमा व्रत से जुड़े नियम
श्रावण पूर्णिमा के व्रत को लेकर विभिन्न मान्यताएँ हैं। कुछ लोग इस उपवास के दौरान जल, फल और सात्विक भोजन लेते हैं, जबकि कुछ केवल जल का सेवन करते हैं। व्रत के दौरान तामसिक भोजन, मांस, मदिरा और अनाज का सेवन वर्जित है। इसके अलावा, क्रोध, जलन, मोह और नकारात्मक भावनाओं से दूर रहना चाहिए और अधिक से अधिक नाम जाप करना चाहिए।
पूर्णिमा व्रत का पारण कब होता है?
पूर्णिमा व्रत का पारण कब होता है?
शाम को चंद्र देव को अर्घ्य देने के बाद पूर्णिमा के व्रत का पारण किया जा सकता है। यह पारण देवी-देवताओं को चढ़ाए गए फलों से किया जाता है। 9 अगस्त 2025 को शाम 7 बजकर 21 मिनट पर चंद्रोदय होगा, जिसके बाद आप व्रत का पारण कर सकते हैं।