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श्री पेरियालवार महोत्सव का भव्य आयोजन आंध्र प्रदेश में

आंध्र प्रदेश के श्रीविल्लिपुत्तूर में श्री अंडाल मंदिर में श्री पेरियालवार महोत्सव का भव्य आयोजन शुरू हो गया है। यह 10 दिवसीय उत्सव भगवान विष्णु के 12 अलवार संतों में से एक, श्री पेरियालवार के जन्म नक्षत्र के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। उत्सव के दौरान भक्तों के लिए विशेष धार्मिक अनुष्ठान और शोभायात्राएं आयोजित की जाती हैं। इस महोत्सव का मुख्य आकर्षण 4 जुलाई को होने वाली गरुड़सेवा है, जो भक्तों के लिए एक अद्वितीय अनुभव प्रदान करती है।
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श्री पेरियालवार महोत्सव का भव्य आयोजन आंध्र प्रदेश में

श्री अंडाल मंदिर में महोत्सव की शुरुआत

आंध्र प्रदेश के श्रीविल्लिपुत्तूर में स्थित प्रसिद्ध श्री अंडाल मंदिर में श्री पेरियालवार महोत्सव (पेरियालवार थिरुनक्षत्रम) का भव्य शुभारंभ हो चुका है। यह 10 दिवसीय वार्षिक उत्सव भगवान विष्णु के 12 अलवार संतों में से एक, श्री पेरियालवार के जन्म नक्षत्र (आणि महीने में स्वाति नक्षत्र) के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। 25 जून को विद्यारंभम के साथ इस उत्सव का विधिवत आगाज़ हुआ।


उत्सव के दौरान, प्रतिदिन श्री पेरियालवार और श्री अंडाल का नित्य थिरुमंजनम (अभिषेक) किया जाता है, जिसमें उन्हें दिव्य स्नान कराया जाता है। इसके बाद, श्री पेरियालवार को विभिन्न तिरुकोलम्स (दिव्य रूपों) में सजाया जाता है, जो उनके विभिन्न पहलुओं और लीलाओं को दर्शाते हैं। फिर, विभिन्न वाहनों (जैसे रथ, पालकी आदि) पर उनकी थिरुवेधी उला (शोभायात्रा) निकाली जाती है, जिसमें भक्तगण बड़ी संख्या में शामिल होते हैं।


महोत्सव के नौवें दिन (3 जुलाई) को एक विशेष आयोजन होता है, जब अज़ागर की शोभायात्रा तिरुवन्नामलाई मंदिर से श्रीविल्लिपुत्तूर पहुंचती है। इस दिन वाडा पितृ सेवा (एक विशेष प्रसाद या अनुष्ठान) अर्पित की जाती है। यह उत्सव 4 जुलाई को श्री पेरियालवार गरुड़सेवा के साथ अपने चरम पर पहुंचेगा। यह इस 10 दिवसीय उत्सव का सबसे महत्वपूर्ण और बहुप्रतीक्षित कार्यक्रम है, जिसमें भगवान गरुड़ पर विराजमान होकर पेरियालवार भक्तों को दर्शन देते हैं।


इसी दिन दोपहर में, श्री अंडाल और रंगनाथर के लिए पूरम उत्सव और तिरुक्कलियाणम (दिव्य विवाह) भी आयोजित किया जाएगा, जो भक्तों के लिए एक बेहद पवित्र और भावनात्मक क्षण होता है। यह उत्सव भक्तों को आध्यात्मिक ऊर्जा और भक्ति में डूबने का अवसर प्रदान करता है। श्रीविल्लिपुत्तूर का श्री अंडाल मंदिर अपनी ऐतिहासिक और धार्मिक महत्ता के लिए जाना जाता है, और यह महोत्सव उसकी पवित्रता में चार चाँद लगा देता है। लाखों भक्त इस दौरान इस पवित्र स्थल पर आकर आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।