श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 2025: देशभर में भक्ति और उत्सव का माहौल

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का भव्य उत्सव
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 2025 का जश्न: शनिवार को भारत के विभिन्न हिस्सों में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया गया। मथुरा, वृंदावन, दिल्ली, जयपुर, श्रीनगर और कोलकाता जैसे प्रमुख शहरों में भक्तों ने मंदिरों में जाकर भगवान श्रीकृष्ण की पूजा की। मंदिरों की भव्य सजावट, भजन-कीर्तन और भक्तों की भारी भीड़ ने इस पर्व को खास बना दिया।
मथुरा-वृंदावन में पारंपरिक पूजा और व्रत
भगवान श्रीकृष्ण के जन्मस्थान मथुरा और वृंदावन में अर्धरात्रि के शुभ मुहूर्त (11:16 PM से 12:03 AM) के दौरान विधिपूर्वक पूजा की गई। श्रद्धालु दिनभर उपवास रखते हैं और रात में भगवान के जन्म के बाद उपवास का पारण करते हैं। कई भक्तों ने अगले दिन सुबह भी पारण किया, क्योंकि अष्टमी तिथि रात 9:36 बजे समाप्त हो गई थी।
#WATCH | मथुरा, उत्तर प्रदेश | श्री कृष्ण जन्मभूमि मंदिर में श्री कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर भगवान कृष्ण के जन्म समारोह में बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। pic.twitter.com/s1LhwhUStD
— News Media (@NewsMedia) August 16, 2025
योगी आदित्यनाथ का संदेश
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आधी रात को गोरखनाथ मंदिर में भगवान कृष्ण की पूजा की। उन्होंने आधुनिकता के साथ सनातन संस्कृति को आगे बढ़ाने का आह्वान किया और सभी देशवासियों को शुभकामनाएं दीं।
#WATCH | गोरखपुर: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आधी रात को श्री कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर गोरखनाथ मंदिर में भगवान कृष्ण की पूजा-अर्चना की। pic.twitter.com/dJSupBYPSB
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दिल्ली और जयपुर में भव्य आयोजन
दिल्ली में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इस्कॉन मंदिर में पूजा की और देश की प्रगति के लिए प्रार्थना की। जयपुर के गोविंद देवजी मंदिर में हजारों भक्त तड़के से कतार में लगे, जहां रात 12 बजे जन्माभिषेक और पूजा संपन्न हुई। सुरक्षा के लिहाज से शहर में विशेष इंतजाम किए गए।
कश्मीर से कोलकाता तक भक्ति की लहर
श्रीनगर में कश्मीरी पंडितों ने शोभायात्रा निकालकर पर्व को मनाया और पीड़ितों के लिए प्रार्थना की। वहीं कोलकाता के योगदा सत्संग आश्रम में ध्यान, भजन और अंतरराष्ट्रीय लाइव सेशन का आयोजन किया गया। राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी जन्माष्टमी की शुभकामनाएं दीं।
वृंदावन में विशेष सुरक्षा और प्रबंधन
बांकेबिहारी मंदिर में भीड़ प्रबंधन के लिए उच्च न्यायालय के निर्देश पर मंगला आरती में सीमित भक्तों को प्रवेश दिया गया। लाइव प्रसारण के ज़रिए देशभर के श्रद्धालुओं ने दर्शन किए।
देशभर में भक्ति का माहौल
मंदिरों की सजावट, विशेष ट्रेनों की व्यवस्था और पूरे देश में फैले भक्ति-भाव ने इस जन्माष्टमी को एक आत्मिक उत्सव बना दिया। भजनों, आरतियों और लीलाओं के स्मरण ने इस पर्व को एक आध्यात्मिक उत्सव में बदल दिया।