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संत प्रेमानंद महाराज का विवादास्पद बयान: क्या है युवाओं और महिलाओं के लिए उनकी चेतावनी?

संत प्रेमानंद महाराज ने हाल ही में एक कथा में युवाओं और महिलाओं के बारे में विवादास्पद टिप्पणियां की हैं, जिससे व्यापक आलोचना हो रही है। उनके समर्थक इसे सामाजिक सुधार का हिस्सा मानते हैं, जबकि कई लोग इसे महिलाओं का अपमान मानते हैं। महाराज ने युवाओं को नशे से दूर रहने और माता-पिता की आज्ञा का पालन करने की सलाह दी है। जानें उनके बयानों का क्या असर हुआ और समाज में उनके विचारों को लेकर क्या प्रतिक्रियाएं आई हैं।
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संत प्रेमानंद महाराज का विवादास्पद बयान: क्या है युवाओं और महिलाओं के लिए उनकी चेतावनी?

संत प्रेमानंद महाराज का नया विवाद

Premanand Maharaj: धार्मिक प्रवचनों के लिए जाने जाने वाले संत प्रेमानंद महाराज एक बार फिर विवादों में हैं। उनका एक हालिया वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रहा है, जिसमें उन्होंने युवाओं और महिलाओं के बारे में कुछ ऐसे बयान दिए हैं, जो व्यापक आलोचना का कारण बन रहे हैं। उनके समर्थक इसे सामाजिक सुधार का हिस्सा मानते हैं, जबकि कई लोग इसे महिलाओं का अपमान मानते हुए विरोध कर रहे हैं।


महिलाओं पर टिप्पणी से उपजा विवाद

संत प्रेमानंद महाराज ने एक कथा के दौरान 'गर्लफ्रेंड-बॉयफ्रेंड' संबंधों पर टिप्पणी करते हुए युवाओं को इससे दूर रहने की सलाह दी। उनके बयान में महिलाओं के प्रति की गई टिप्पणी ने नया विवाद खड़ा कर दिया है। कई सामाजिक संगठनों और आम लोगों ने इसे स्त्री विरोधी और अपमानजनक करार दिया है।




प्रेमानंद महाराज की विवादास्पद टिप्पणी

प्रेमानंद महाराज ने कथा में कहा, "जब किसी महिला को चार पुरुषों से मिलने की आदत लग जाती है, तो वह फिर एक पति को स्वीकार नहीं कर पाती। इसी तरह, जब कोई पुरुष कई लड़कियों से संबंध बनाता है, तो वह अपनी पत्नी से संतुष्ट नहीं रह पाता।" उन्होंने यह भी कहा कि, "100 में से सिर्फ दो-चार लड़कियां ही होंगी जो अपना पवित्र जीवन किसी एक पुरुष को समर्पित करती होंगी।"


इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर आलोचनाओं की बाढ़ आ गई। कई यूजर्स ने इसे महिलाओं का चरित्रहनन बताते हुए प्रेमानंद महाराज से सार्वजनिक माफी की मांग की है। कुछ संगठनों ने इसे धार्मिक मंच का दुरुपयोग बताया और महिलाओं की गरिमा के खिलाफ बताया।


आलोचना का जवाब देते हुए महाराज

विवाद बढ़ने के बाद संत प्रेमानंद महाराज ने अगली कथा में आलोचकों को जवाब देते हुए कहा, "जो गंदे आचरण कर रहे हैं, अगर उन्हें सही उपदेश दो, तो वो बुरा मानते हैं। जैसे नाली का कीड़ा नाली में ही सुख पाता है, अगर उसे अमृत कुंड में डाल दो तो वह परेशान हो जाता है। वैसे ही जब कोई संत सच और सुधार की बात करता है, तो कुछ लोगों को बुरा लग जाता है।" उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य समाज में सुधार लाना है और इसके लिए कड़वा बोलना जरूरी है।


प्रेमानंद महाराज ने कथा में दोहराया कि आज के युवा भटकाव की राह पर हैं। उन्होंने कहा, "अगर हम समाज को सुधारना चाहते हैं तो कड़वा बोलना ही पड़ेगा। जो बच्चे यहां कथा सुनने आते हैं, वो सुधार की नीयत से आते हैं। इसलिए हम उन्हें कहते हैं कि गर्लफ्रेंड-बॉयफ्रेंड बनाना बंद करो।"


युवाओं को नशे से दूर रहने की सलाह

महाराज ने युवाओं को नशे से दूर रहने और माता-पिता की आज्ञा का पालन करने की सलाह देते हुए कहा, "हम कड़वा भी बोलेंगे तुम गर्लफ्रेंड, बॉयफ्रेंड बनाना बंद करो, कोई नशा न करो, अपने माता-पिता की आज्ञा में रहो। इसे बुरा मानो तो संतजन तुम्हें नहीं उपदेश करेंगे।"


उन्होंने आगे कहा, "शास्त्रों तक तुम्हारी पहुंच नहीं, तुम कैसे जानो, अच्छाई क्या, बुराई क्या। नए बच्चे हो, संसार में आए हो, तुमको लग रहा है सुख चाहिए... अब सुख व्यसन में, व्यभिचार में, गंदे व्यवहार में तो नहीं।"


प्रेमानंद महाराज ने युवाओं को चेतावनी दी कि यदि वे गलत राह पर चलते हैं, तो उनका अंत डिप्रेशन, अपराध और जेल में हो सकता है। उन्होंने कहा, "तुम्हें डिप्रेशन में ले जाएगा... नाना प्रकार के आचरण में फंसा कर जेल पहुंचाएगा। संत, सदगुरुदेव और शास्त्र, इनकी बातों का मनन करें तो माया है ही नहीं... जो है ही नहीं, अपना कमाल कर जाती है... बड़ों बड़ों को भ्रष्ट कर देती है।"