सावन 2025 का अंतिम प्रदोष व्रत: तिथि और पूजा विधि
सावन 2025 में अंतिम प्रदोष व्रत का महत्व और तिथि जानें। यह व्रत भगवान शिव की कृपा पाने के लिए किया जाता है। जानें इसकी पूजा विधि और शुभ मुहूर्त। इस व्रत से करियर और विवाह में आ रही बाधाएं दूर होती हैं।
Aug 5, 2025, 19:02 IST
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सावन 2025 का अंतिम प्रदोष व्रत
प्रदोष व्रत का महत्व: सावन के महीने में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है। यह माना जाता है कि इस व्रत को करने वाले भक्तों पर भगवान शिव की विशेष कृपा होती है। प्रदोष व्रत से करियर और व्यवसाय में आ रही बाधाएं दूर होती हैं। भोलेनाथ की कृपा से जीवन में सुख और समृद्धि बनी रहती है। इसके अलावा, विवाह में आने वाली सभी बाधाएं भी समाप्त हो जाती हैं। आइए जानते हैं कि सावन मास में अंतिम प्रदोष व्रत कब है और इसकी पूजा विधि क्या है।शुभ मुहूर्त:
पंचांग के अनुसार, श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 06 अगस्त 2025, बुधवार को दोपहर 02:08 बजे शुरू होकर 07 अगस्त 2025, गुरुवार को दोपहर 02:27 बजे तक रहेगी। इस प्रकार, सावन का अंतिम प्रदोष व्रत 06 अगस्त 2025 को मनाया जाएगा।
बुध प्रदोष व्रत:
इसे बुध प्रदोष व्रत कहा जाएगा। शुभ मुहूर्त सायंकाल 07:08 से लेकर रात 09:16 बजे तक रहेगा।
प्रदोष व्रत के दिन काले वस्त्र पहनने से बचें।
प्रदोष व्रत के दिन प्याज, लहसुन और तामसिक भोजन से दूर रहें।
शिव जी और मां पार्वती के सामने बैठकर शिव चालीसा का पाठ करें और शिवजी के मंत्रों का जाप करें।
प्रदोष व्रत के दिन जरूरतमंदों को अन्न, धन और कपड़ों का दान करें।