सावन 2025: रुद्राभिषेक के लिए महत्वपूर्ण तिथियाँ और विधि
सावन 2025 में रुद्राभिषेक करने के लिए महत्वपूर्ण तिथियाँ और विधि जानें। इस महीने भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व है, और भक्तों के लिए यह जानना आवश्यक है कि कब और कैसे रुद्राभिषेक किया जाए। जानें कि रुद्राभिषेक से क्या लाभ होते हैं और इसे कैसे किया जाता है।
Aug 2, 2025, 11:08 IST
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सावन का महत्व
Sawan 2025: सावन का महीना भगवान शिव के लिए विशेष होता है। इस दौरान भक्तजन भोलेनाथ की पूजा में संलग्न रहते हैं। भक्त रुद्राभिषेक कराकर शिवजी को प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं, क्योंकि ऐसा करने से उनकी इच्छाएँ शीघ्र पूरी होती हैं। इस महीने भक्तों के लिए यह जानना आवश्यक है कि वे कब और किस दिन रुद्राभिषेक करवा सकते हैं।
विशेष तिथियाँ
ये हैं खास तिथियां
यदि आप सावन में रुद्राभिषेक करने का विचार कर रहे हैं, तो यह बहुत लाभकारी हो सकता है। हालांकि, शुभ तिथियाँ अधिकांशतः निकल चुकी हैं, क्योंकि सावन 11 जुलाई से प्रारंभ हुआ था। आप सावन के चौथे सोमवार को रुद्राभिषेक करवा सकते हैं, या फिर 4 अगस्त को, जो एक शुभ दिन माना जा रहा है। इसके अतिरिक्त, पूर्णिमा और प्रदोष व्रत के दिन भी रुद्राभिषेक किया जा सकता है।
रुद्राभिषेक का महत्व
क्यों किया जाता है रुद्राभिषेक?
भगवान अपने भक्तों को कभी निराश नहीं करते। यदि आप पूरे वर्ष पूजा करते हैं, तो भोलेनाथ उसका फल अवश्य देते हैं। लेकिन सावन के दिनों में यदि आप उनसे कुछ मांगते हैं, तो उनकी सुनवाई अधिक होती है। इसलिए रुद्राभिषेक से सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही, भक्तों को स्वास्थ्य लाभ भी मिलता है। यदि संभव हो, तो विधि-विधान के साथ रुद्राभिषेक करें। यदि ऐसा न हो सके, तो आप अपने घर पर 'ॐ नमः शिवाय' का जाप करते हुए इस पूजा को संपन्न कर सकते हैं।
रुद्राभिषेक की विधि
कैसे करें रुद्राभिषेक?
आप जिस ब्राह्मण से रुद्राभिषेक करवाएंगे, वह आपको इस पूजा की विधि बताएगा। लेकिन जानकारी के लिए, रुद्राभिषेक में शिवलिंग पर जल, दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल से स्नान कराया जाता है। इसके साथ ही, भांग, बेलपत्र और धतूरा चढ़ाया जाता है। इस दौरान शिव मंत्रों का जाप किया जाता है। कहा जाता है कि इस पूजा में पढ़े जाने वाले मंत्रों से लोग निरोग रहते हैं। इस विधि के दौरान भोलेबाबा को दूध और गन्ने के रस से स्नान कराना भी फलदायी होता है।