सावन का अंतिम सोमवार: शिव भक्तों के लिए विशेष अवसर

सावन मास का महत्व
सावन का महीना भगवान शिव के भक्तों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। यह पवित्र समय धार्मिक और आध्यात्मिक ऊर्जा से भरा होता है। इस महीने में शिव की आराधना का विशेष महत्व है, और सोमवार को भगवान भोलेनाथ की पूजा करने से भक्तों की इच्छाएं पूरी होती हैं। अब जब सावन का अंतिम चरण चल रहा है, तो यह शिव भक्तों के लिए महादेव की कृपा प्राप्त करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है।इस वर्ष सावन का अंतिम सोमवार 4 अगस्त को है। यह दिन उन सभी भक्तों के लिए खास है, जिन्होंने पूरे सावन में महादेव की आराधना की है, और उन लोगों के लिए भी जो अब तक पूरी तरह से शिव भक्ति में लीन नहीं हो पाए हैं। यह अंतिम सोमवार महादेव को प्रसन्न करने का एक सुनहरा अवसर है।
बाबा बैद्यनाथ धाम में विशेष रौनक
झारखंड के प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग बाबा बैद्यनाथ धाम (देवघर) में सावन के अंतिम सोमवार पर हर साल की तरह इस बार भी भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। यहाँ का माहौल पूरी तरह से भक्तिमय हो जाता है। दूर-दूर से कांवड़ यात्री जल लेकर बाबा के दर्शन और जलाभिषेक के लिए पहुँचते हैं। "बम-बम भोले" और "हर-हर महादेव" के जयकारों से पूरा क्षेत्र गूंज उठता है। मान्यता है कि यहाँ विधि-विधान से जलाभिषेक करने से भगवान शिव भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण करते हैं और उनके सभी कष्टों को हर लेते हैं।
जलाभिषेक का महत्व
सावन के महीने में भगवान शिव को जल चढ़ाने का विशेष महत्व है। ऐसा माना जाता है कि समुद्र मंथन के दौरान जब भगवान शिव ने विषपान किया था, तब देवताओं ने उन पर जल चढ़ाकर उन्हें शीतलता प्रदान की थी। तभी से शिव को जल अति प्रिय है। अंतिम सोमवार के दिन आप मंदिर जाकर या घर पर ही शिवलिंग पर जलाभिषेक कर सकते हैं।
शुभ फल और मनोकामना पूर्ति
सावन के अंतिम सोमवार पर पूरी श्रद्धा और भक्ति से भगवान शिव की पूजा करने से मनचाहे फल मिलते हैं। अविवाहितों को सुयोग्य जीवनसाथी मिलता है, संतान सुख की इच्छा रखने वालों को संतान प्राप्ति होती है, आर्थिक समस्याओं से जूझ रहे लोगों को धन लाभ होता है, और घर में सुख-समृद्धि आती है। इसके अलावा, रोगों और कष्टों से मुक्ति मिलती है और जीवन में शांति का अनुभव होता है।