सावन पुत्रदा एकादशी 2025: पूजा विधि और महत्व
सावन पुत्रदा एकादशी 2025 का पर्व 5 अगस्त को मनाया जाएगा। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा से कष्टों से मुक्ति मिलती है। जानें इस दिन की पूजा विधि, दान का महत्व और शुभ समय।
Jul 13, 2025, 12:02 IST
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सावन पुत्रदा एकादशी का महत्व
सावन पुत्रदा एकादशी 2025 : हिंदू पंचांग के अनुसार, पौष और सावन महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी को पुत्रदा एकादशी कहा जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिलती है। कामिका एकादशी के दिन अन्न का दान करने से जीवन में आने वाली कठिनाइयों से छुटकारा मिलता है। इस दिन पूजा में धूप, दीप, फूल, अक्षत, रोली और नैवेद्य सहित 16 सामग्री भगवान को अर्पित की जाती हैं। भगवान विष्णु को तुलसी का पत्ता अर्पित करना अनिवार्य है।पंचांग के अनुसार, सावन महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 5 अगस्त 2025 को मनाई जाएगी। इस दिन की एकादशी तिथि 4 अगस्त को सुबह 11:41 बजे से शुरू होगी और 5 अगस्त को दोपहर 01:12 बजे समाप्त होगी। उदया तिथि के अनुसार, 5 अगस्त को पुत्रदा एकादशी का व्रत किया जाएगा।
पारण — 6 अगस्त को सुबह 05:45 से 08:26 तक का समय पारण के लिए शुभ रहेगा।
दान
पुत्रदा एकादशी के दिन वस्त्र, अन्न, धन, तुलसी का पौधा और मोर पंख का दान करना अत्यंत शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन दान करने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है और व्यक्ति के जीवन में मां लक्ष्मी की कृपा सदैव बनी रहती है।