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सावन में भगवान शिव की आराधना: गुजरात के सोमनाथ मंदिर की विशेषता

सावन का महीना भगवान शिव की पूजा का विशेष समय है, जो 11 जुलाई से शुरू हो रहा है। इस दौरान भक्तजन व्रत रखते हैं और शिव मंदिरों में दर्शन करते हैं। गुजरात का सोमनाथ मंदिर, जो भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से पहला है, अपनी धार्मिक और ऐतिहासिक महत्ता के लिए प्रसिद्ध है। जानें इस मंदिर की विशेषताएँ और सावन में इसकी यात्रा का महत्व।
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सावन में भगवान शिव की आराधना: गुजरात के सोमनाथ मंदिर की विशेषता

सावन का महीना और भगवान शिव की पूजा

गुजरात में सावन का महीना आने में केवल दो दिन बचे हैं, और लोग पहले से ही इसकी तैयारी में जुट गए हैं। यह महीना भगवान शिव की आराधना का विशेष समय माना जाता है। मान्यता है कि चर्तुमास के दौरान भगवान विष्णु चार महीने के लिए विश्राम करते हैं, इस दौरान भगवान शिव को सृष्टि की रक्षा का कार्य सौंपा जाता है। इसलिए, इस समय भगवान शिव को कर्ता, भर्ता और धर्ता के रूप में पूजा जाता है। सावन भगवान शिव का प्रिय महीना है।


सावन में भगवान शिव की आराधना: गुजरात के सोमनाथ मंदिर की विशेषता

इस वर्ष सावन का महीना 11 जुलाई से प्रारंभ हो रहा है और यह भाई-बहन के पर्व रक्षाबंधन पर समाप्त होगा। यह महीना भगवान शिव की आराधना के लिए सबसे पवित्र माना जाता है। भक्तजन इस दौरान व्रत रखते हैं, रुद्राभिषेक करते हैं और शिव मंदिरों में दर्शन के लिए जाते हैं। भारत के विभिन्न हिस्सों में शिव मंदिर हैं, लेकिन गुजरात में कुछ मंदिर अपनी धार्मिक, ऐतिहासिक और वास्तुकला के लिए विशेष रूप से प्रसिद्ध हैं।


सावन में भगवान शिव की आराधना: गुजरात के सोमनाथ मंदिर की विशेषता

सोमनाथ मंदिर: समुद्र के किनारे का अद्भुत स्थल
गुजरात के वेरावल में स्थित सोमनाथ मंदिर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से पहला है। यह मंदिर चंद्रदेव सोमराज द्वारा निर्मित बताया जाता है और इसकी जानकारी ऋग्वेद में भी मिलती है। यह मंदिर समुद्र के किनारे स्थित है और यहां हजारों भक्त रुद्राभिषेक और पूजा के लिए आते हैं। यदि आप सावन के महीने में गुजरात जाने की योजना बना रहे हैं, तो यह यात्रा आपके लिए शुभ साबित होगी। सावन भगवान शिव का प्रिय महीना है, इसलिए इस दौरान उनकी आराधना करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। भगवान भोलेनाथ सभी की इच्छाओं को पूरा करने वाले हैं। सावन का महीना है, हर-हर भोले, बम-बम भोले।