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सावन में रुद्राभिषेक के लिए शुभ और अशुभ तिथियाँ

सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित है, जिसमें रुद्राभिषेक का विशेष महत्व है। जानें किन तिथियों पर रुद्राभिषेक करना शुभ है और किन पर नहीं। इस लेख में रुद्राभिषेक के लाभ और विधि के बारे में भी जानकारी दी गई है। जानें कैसे सही तरीके से रुद्राभिषेक करने से आपके जीवन में सकारात्मकता आ सकती है।
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सावन का पवित्र महीना और रुद्राभिषेक

Kaalchakra Today 22 July 2025: सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित है, जिसमें महादेव की पूजा और व्रत रखना अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दौरान कई भक्त शिवलिंग का रुद्राभिषेक करते हैं। यह ध्यान रखना आवश्यक है कि रुद्राभिषेक सही विधि और शुभ मुहूर्त में किया जाए, क्योंकि गलत तरीके से किया गया अभिषेक नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।


रुद्राभिषेक के लिए उपयुक्त तिथियाँ

रुद्राभिषेक कब करें?



  • कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि

  • कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि

  • शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि

  • शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि

  • जहाँ शिवलिंग की प्राण प्रतिष्ठा हुई हो, वहाँ किसी भी दिन रुद्राभिषेक किया जा सकता है।

  • कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि

  • अमावस्या तिथि

  • त्रयोदशी तिथि

  • एकादशी तिथि

  • शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि

  • द्वादशी तिथि

  • शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि


रुद्राभिषेक के लिए अशुभ तिथियाँ

रुद्राभिषेक कब न करें?



  • कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि

  • कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि

  • शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि

  • शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि

  • कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि

  • कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि

  • शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि

  • शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि

  • कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि

  • कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि

  • शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि

  • एकादशी तिथि

  • पूर्णिमा तिथि


रुद्राभिषेक के लाभ

रुद्राभिषेक करने के फायदे



  • घर में नकारात्मकता का नाश होता है।

  • अवश्यम्भावी पापों से मुक्ति मिलती है।

  • जो लोग राहु-केतु दोष से ग्रसित हैं, उन्हें रुद्राभिषेक अवश्य करना चाहिए।


अधिक जानकारी के लिए ऊपर दिए गए वीडियो को देखें।


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