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सावन में शिव महापुराण कथा का महत्व: कलश यात्रा का आयोजन

पलवल में सावन के महीने में शिव महापुराण कथा का आयोजन किया गया, जिसमें भक्तों ने उत्साह से भाग लिया। कथा का शुभारंभ प्राचीन कुंडा मंदिर में हुआ, जहां महिलाओं ने कलश यात्रा निकाली। इस धार्मिक आयोजन का महत्व और कथा के दौरान की गई पूजा विधियों के बारे में जानें।
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सावन में शिव महापुराण कथा का महत्व: कलश यात्रा का आयोजन

शिव महापुराण कथा का शुभारंभ


पलवल में सावन के महीने के दौरान श्री शिव महापुराण कथा का विशेष महत्व है। इसी संदर्भ में, भक्तों ने हथीन शहर के प्राचीन कुंडा मंदिर में मंगलवार को नौ दिवसीय कथा का संगीतमय शुभारंभ किया। कथा से पहले, भक्तों और महिलाओं ने ध्वज लेकर, ढोल-नगाड़ों के साथ कलश यात्रा निकाली। महाराज अमरदास ने बताया कि हिन्दू परंपरा में पूजा के समय मंगल कलश की स्थापना आवश्यक होती है।


महिलाओं की भागीदारी और कथा का महत्व

महिलाएं बड़ी संख्या में मंगल कलश लेकर शोभायात्रा में शामिल हुईं, जिसमें सृजन और मातृत्व की पूजा एक साथ की गई। कथा के पहले दिन व्यास माधव शरण दास ने शिव महापुराण के महत्व को बताते हुए कहा कि यह एक दिव्य ग्रंथ है, जिसके श्रवण से सभी पापों का नाश होता है। कलश यात्रा के बाद श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित किया गया।


कलश यात्रा का भव्य स्वागत

कथा का आयोजन नियमित रूप से दोपहर दो बजे से होगा। समिति के प्रधान रविन कुमार ने शहरवासियों से अपील की कि वे अधिक से अधिक संख्या में कथा में शामिल होकर धर्म का लाभ उठाएं। 251 कलशों का पूजन मुख्य यजमान मुकेश गोयल और सीमा गोयल ने किया। कलश यात्रा का भव्य स्वागत विभिन्न स्थानों पर किया गया, जिसमें कई भक्तजन उपस्थित रहे।