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सावन शिवरात्रि 2025: विशेष पूजा विधियाँ और महत्व

सावन शिवरात्रि 2025, जो 26 जुलाई को मनाई जाएगी, शिव भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है। इस दिन उपवास और विशेष पूजा विधियों का पालन करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है। जानें इस दिन क्या करना चाहिए और किन बातों का ध्यान रखना चाहिए। विशेष रूप से कन्याओं के लिए यह दिन फलदायी होता है। इस लेख में शिवरात्रि के महत्व और पूजा के उपायों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है।
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सावन शिवरात्रि 2025: विशेष पूजा विधियाँ और महत्व

सावन शिवरात्रि 2025 का महत्व

Sawan Shivratri 2025: सावन का महीना शिव भक्तों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। इस महीने में आने वाली शिवरात्रि (Sawan Shivratri 2025) का विशेष महत्व है। इस वर्ष, सावन की शिवरात्रि 26 जुलाई 2025 को मनाई जाएगी। कहा जाता है कि इस दिन व्रत और पूजा करने से भगवान शिव जल्दी प्रसन्न होते हैं और भक्तों की सभी इच्छाएँ पूरी करते हैं।


शिवरात्रि पर व्रत और पूजा का महत्व

सावन की शिवरात्रि पर भक्त पूरे दिन उपवास रखते हैं और रातभर शिव जी का नाम लेते हैं। मान्यता है कि इस दिन उपवास रखने से पुण्य की प्राप्ति होती है और जीवन की कठिनाइयाँ दूर होती हैं। जो लोग विवाह में बाधा या स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहे हैं, उन्हें शिवरात्रि पर उपवास अवश्य रखना चाहिए।


सावन की शिवरात्रि पर क्या करें

जल और बेलपत्र से अभिषेक करें

इस दिन शिवलिंग पर गंगाजल, दूध, दही, शहद और शुद्ध जल चढ़ाना शुभ माना जाता है। इसके साथ बेलपत्र, धतूरा, भांग और सफेद फूल चढ़ाना चाहिए। ये वस्तुएँ भगवान शिव को प्रिय होती हैं।


शिव पंचाक्षरी मंत्र का जाप करें

भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए "ॐ नमः शिवाय" मंत्र का जाप करें। इस मंत्र का जितना अधिक जाप किया जाएगा, उतना ही फल मिलेगा। आप रुद्राक्ष की माला से 108 बार मंत्र का जाप कर सकते हैं।


रात को जागरण करें और शिव कथा सुनें

सावन की शिवरात्रि पर रातभर जागरण करना और भगवान शिव की कथा सुनना या पढ़ना बहुत शुभ होता है। इससे घर में सुख-शांति बनी रहती है और सभी संकट दूर होते हैं।


कन्याओं के लिए फलदायी दिन

जो कन्याएँ अच्छे जीवनसाथी की कामना करती हैं, उनके लिए सावन की शिवरात्रि का उपवास बहुत फलदायी होता है। इस दिन विधिपूर्वक पूजा और उपवास करने से मनचाहा वर मिलने की संभावना बढ़ जाती है।


क्या न करें इस दिन

शिवरात्रि के दिन तुलसी के पत्ते शिवलिंग पर नहीं चढ़ाने चाहिए। यह वर्जित माना गया है।


तामसिक भोजन जैसे प्याज-लहसुन और मांस-मदिरा से दूर रहना चाहिए।


मन में क्रोध, द्वेष या ईर्ष्या जैसे भाव नहीं रखने चाहिए। इस दिन केवल शुद्ध विचार और भक्ति आवश्यक है।