सावन शिवरात्रि जलाभिषेक मुहूर्त 2025: जानें कब करें पूजा

सावन शिवरात्रि जलाभिषेक मुहूर्त 2025
सावन शिवरात्रि जलाभिषेक मुहूर्त 2025: जानें कब भगवान भोलेनाथ को जल अर्पित करना है। शुभ समय में जलाभिषेक करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और सभी इच्छाएं पूरी होती हैं।
सावन शिवरात्रि जलाभिषेक का मुहूर्त विशेष महत्व रखता है। इस बार शिवरात्रि पर भक्तों की बड़ी संख्या शिवालयों में जाकर भोलेनाथ का जलाभिषेक करेंगी।
ज्योतिषियों के अनुसार, इस पवित्र दिन पर कई शुभ मुहूर्त हैं जब आप जल चढ़ाकर शिव का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं। चारों प्रहर की पूजा और निशिता काल का महत्व इस दिन को और भी खास बनाता है।
सावन शिवरात्रि का महत्व
सावन का महीना शिवभक्ति के लिए विशेष माना जाता है, लेकिन जब इसी महीने शिवरात्रि आती है, तो इसका महत्व कई गुना बढ़ जाता है।
इस दिन को भोलेनाथ की विशेष कृपा प्राप्त करने का सर्वोत्तम अवसर माना जाता है। भक्त कांवड़ लेकर गंगा जल लाते हैं और विधिपूर्वक शिवलिंग पर जल अर्पित करते हैं।
शास्त्रों में कहा गया है कि सावन शिवरात्रि पर जलाभिषेक करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और मनोकामनाएं पूरी करते हैं।
इस दिन चारों प्रहर की पूजा का विशेष महत्व होता है।
सावन शिवरात्रि जलाभिषेक मुहूर्त
इस वर्ष सावन शिवरात्रि 23-24 जुलाई 2025 को मनाई जाएगी। ज्योतिषियों के अनुसार, इस दिन शिव की उपासना के लिए पूरा समय श्रेष्ठ है, लेकिन कुछ विशेष मुहूर्त भी अत्यंत फलदायी माने जाते हैं।
प्रथम जलाभिषेक मुहूर्त: 23 जुलाई, सुबह 4:15 से 4:56 बजे तक
द्वितीय जलाभिषेक मुहूर्त: 23 जुलाई, सुबह 8:32 से 10:02 बजे तक
निशिता काल मुहूर्त: 24 जुलाई, रात 12:23 से 1:07 बजे तक
इन शुभ समयों में जल चढ़ाने से शिवभक्तों को विशेष पुण्य और आशीर्वाद की प्राप्ति होती है।
चारों प्रहर की पूजा
सावन शिवरात्रि पर चार प्रहर की पूजा करना अत्यंत फलदायक माना गया है। शास्त्रों के अनुसार यह पूजा क्रमशः इस प्रकार होती है:
प्रथम प्रहर: 23 जुलाई, शाम 7:18 से 10:01 बजे तक
द्वितीय प्रहर: रात 10:01 से 12:45 बजे तक
तृतीय प्रहर: रात 12:45 से 3:29 बजे तक
चतुर्थ प्रहर: सुबह 3:29 से 6:13 बजे तक
हर प्रहर में बेलपत्र, धतूरा, भांग, आक के फूल आदि अर्पित करने से भोलेनाथ शीघ्र प्रसन्न होते हैं।
क्या अर्पित करें शिवलिंग पर?
जलाभिषेक (Sawan Shivratri Jalabhishek Muhurat 2025) के साथ-साथ शिवलिंग पर कुछ विशेष वस्तुएं अर्पित करना भी अति शुभ होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, बेलपत्र, धतूरा, भांग, गंगाजल, और आक के फूल अवश्य अर्पित करने चाहिए। साथ ही, "ॐ नमः शिवाय" मंत्र का जाप करते हुए ध्यानपूर्वक पूजा करें।
ऐसा माना जाता है कि इन चीजों को अर्पित करने से महादेव शीघ्र प्रसन्न होते हैं और जीवन की सभी बाधाएं दूर करते हैं।