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सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय ने फर्जी डिग्री रोकने के लिए उठाया बड़ा कदम

सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय ने फर्जी डिग्री बनाने वालों के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए इंडियन सिक्योरिटी प्रेस के साथ साझेदारी की है। इस समझौते के तहत, विश्वविद्यालय अब अत्याधुनिक सुरक्षा सुविधाओं वाले प्री-प्रिंटेड पेपर का उपयोग करेगा, जिससे डिग्री प्रमाणपत्रों की सुरक्षा बढ़ेगी और लागत में कमी आएगी। नई डिग्री में 16 सुरक्षा फीचर्स होंगे, जो प्रमाणपत्रों की छेड़छाड़ की संभावनाओं को समाप्त करेंगे। जानें इस पहल के बारे में और क्या बदलाव आएंगे।
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सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय ने फर्जी डिग्री रोकने के लिए उठाया बड़ा कदम

SPPU और इंडियन सिक्योरिटी प्रेस के बीच समझौता

SPPU Indian Security Press डिग्री प्रमाणपत्र साझेदारी 2025: पुणे प्रशासन ने जालसाजों के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय, जो देश की सबसे पुरानी सरकारी विश्वविद्यालयों में से एक है, ने नासिक स्थित इंडियन सिक्योरिटी प्रेस (ISP) के साथ डिग्री और अन्य प्रमाणपत्रों के निर्माण के लिए एक समझौता किया है।


नई डिग्री में सुरक्षा फीचर्स

यह नई डिग्री 16 सुरक्षा फीचर्स से लैस होगी, जिससे विश्वविद्यालय के प्रमाणपत्रों की लागत भी कम होगी। जानकारी के अनुसार, इस समझौते के तहत विश्वविद्यालय ISP से अत्याधुनिक सुरक्षा सुविधाओं वाले प्री-प्रिंटेड पेपर खरीदेगा, जिन पर छात्रों का नाम, अंक और अन्य विवरण छापे जाएंगे। बताया गया है कि आगामी दीक्षांत समारोह में सभी छात्रों को ये नई अति-सुरक्षित प्रमाणपत्र प्रदान किए जाएंगे।


ISP की सुरक्षा क्षमताएं

1949 में स्थापित, SPPU को महाराष्ट्र सरकार द्वारा संचालित किया जाता है


ISP को भारत में सबसे सुरक्षित कागज बनाने वाले प्रेस के रूप में जाना जाता है। यह प्रेस पासपोर्ट कार्यालय, राजस्व विभाग और रक्षा प्रतिष्ठानों जैसे महत्वपूर्ण संस्थानों के लिए दस्तावेज तैयार करती है। सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय की स्थापना 1949 में हुई थी और यह वर्तमान में महाराष्ट्र सरकार द्वारा संचालित है।


सुरक्षा में वृद्धि और लागत में कमी

बढ़ेगी सुरक्षा खर्च भी होगा कम


गोपनीयता बनाए रखने के लिए, देश के केंद्रीय विश्वविद्यालय, IITs और CBSE जैसे संस्थान पहले से ही ISP से प्री-प्रिंटेड पेपर का उपयोग कर रहे हैं। SPPU का यह कदम विश्वविद्यालय के प्रमाणपत्रों में छेड़छाड़ की संभावनाओं को समाप्त करने में मदद करेगा। विश्वविद्यालय के प्रबंधन परिषद के सदस्य सागर वैद्य ने बताया कि नए प्रमाणपत्रों में 16 उन्नत सुरक्षा फीचर्स होंगे, जबकि पुराने प्रमाणपत्रों में केवल छह फीचर्स थे। इससे लागत में भी कमी आएगी, क्योंकि पहले एक प्रमाणपत्र पर 64 रुपये तक खर्च होता था, जो अब घटकर 27 रुपये प्रति पेपर तक पहुंच जाएगा।