सुंदरकांड पाठ के नियम और लाभ: जानें कैसे करें हनुमान जी की पूजा
हनुमान जी की पूजा का महत्व
Kaalchakra Today 24 June 2025: हनुमान जी को भगवान राम का अनन्य भक्त माना जाता है। उनकी पूजा से भक्त भय, क्रोध, लालच, मोह और नकारात्मक ऊर्जा से मुक्त होते हैं। सुंदरकांड का पाठ करने से हनुमान जी को प्रसन्न किया जाता है, जिसमें उनकी लंका यात्रा, देवी सीता की खोज, लंका दहन और वापसी का वर्णन है। मान्यता है कि जो लोग नियमित रूप से सुंदरकांड का पाठ करते हैं, उन्हें हनुमान जी की विशेष कृपा प्राप्त होती है। हालांकि, पाठ करते समय कुछ नियमों का पालन करना आवश्यक है, अन्यथा साधक को पाप लग सकता है।
सुंदरकांड का पाठ कैसे करें?
सुंदरकांड का पाठ आरंभ करने से पहले एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं और उस पर हनुमान जी की मूर्ति स्थापित करें। उनके चरणों को जल से धोकर माथे पर तिलक लगाएं। शुद्ध वस्त्र पहनाएं, फूलों की माला अर्पित करें, जल और फल, गुड़-चना, लड्डू का भोग लगाएं। इसके बाद कपूर और घी या चमेली के तेल का दीपक जलाएं। राम जी का आह्वान करें और फिर ध्यानपूर्वक सुंदरकांड का पाठ शुरू करें।
पाठ के बाद की क्रियाएँ
पाठ समाप्त होने पर हनुमान जी को भोग अर्पित करें। फिर हनुमान जी के मंदिर जाकर वहां बजरंग बली की तीन बार परिक्रमा करें। दोपहर में हनुमान जी को गुड़, घी और गेहूं के आटे की रोटी का चूरमा भोग लगाएं। शाम को आम, केले, अमरूद और सेब अर्पित करें। इन उपायों से ग्रहों की स्थिति में सुधार होगा और जीवन में खुशियों का आगमन होगा।
विशेष दिन और शुभ समय
यदि आप रोजाना सुंदरकांड का पाठ नहीं कर सकते हैं, तो मंगलवार को इसे अवश्य पढ़ें। इस दिन इमली की 7 पत्तियों को हनुमान जी के सामने रखकर पूजा करें। पाठ के बाद इमली की पत्तियां बच्चों की किताबों में रखें, जिससे उनकी बुद्धि का विकास होगा। घर के मुखिया द्वारा पाठ करना अधिक लाभकारी होता है।
कब करें पाठ?
- किसी दुख या चुनौती से मुक्ति पाने के लिए सुंदरकांड का पाठ करें।
- विद्यार्थियों को इसे पढ़ना चाहिए, इससे उनकी बुद्धि में वृद्धि होगी।
- छोटे बच्चों के माता-पिता को इसे पढ़कर सुनाना चाहिए।
- प्रमोशन के लिए मंगलवार को पाठ करना शुभ होता है।
- आर्थिक संकट से मुक्ति के लिए ऊँ हं हनुमते नम: मंत्र का जाप करें और फिर पाठ करें।
सुंदरकांड के लाभ
- मोक्ष की प्राप्ति होती है।
- संकल्प और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।
- चिंता और तनाव कम होता है।
- डिप्रेशन दूर होता है।
- गृह क्लेश समाप्त होता है।
- घर में नकारात्मक ऊर्जा खत्म होती है।
- वास्तु दोष दूर होता है।
- बुरे सपनों से मुक्ति मिलती है।
- डर का सामना करने की शक्ति मिलती है।
- मंगल ग्रह की स्थिति मजबूत होती है।
वीडियो देखें
यदि आप सुंदरकांड के पाठ से जुड़े अन्य नियमों और लाभ के बारे में जानना चाहते हैं तो इसके लिए ऊपर दिए गए वीडियो को देखें।