सूर्य ग्रहण 2025: जानें इसकी महत्ता और प्रभाव

सूर्य ग्रहण का महत्व
सूर्य ग्रहण, जिसे हम सूर्या ग्रहन भी कहते हैं, धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह एक अद्वितीय खगोलीय घटना है, जिसका प्रभाव न केवल राशियों पर पड़ता है, बल्कि यह प्रकृति में भी कई बदलाव लाता है। इसके साथ ही, पशु-पक्षियों के व्यवहार में भी परिवर्तन देखने को मिलता है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से, जब चंद्रमा, पृथ्वी और सूर्य के बीच आता है, तो सूर्य की रोशनी पृथ्वी तक नहीं पहुँच पाती, जिसे हम सूर्य ग्रहण कहते हैं।
ग्रहण का समय और स्थान
द्रिक पंचांग के अनुसार, आज 21 सितंबर, रविवार को 2025 का दूसरा और अंतिम आंशिक सूर्य ग्रहण होगा। यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा और इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा। इससे पहले 29 मार्च 2025 को खण्डग्रास सूर्य ग्रहण हुआ था।
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