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सूर्य राशि परिवर्तन: मिथुन संक्रांति के दौरान चार राशियों के लिए सावधानी आवश्यक

15 जून 2025 को सूर्य वृषभ राशि से निकलकर मिथुन राशि में प्रवेश करेगा, जिसे मिथुन संक्रांति कहा जाता है। यह खगोलीय घटना चार राशियों - वृषभ, तुला, मकर, और कुंभ के लिए विशेष चुनौतियाँ लेकर आ सकती है। जानें कैसे ये राशियाँ प्रभावित होंगी और उनके लिए क्या ज्योतिष उपाय किए जा सकते हैं। इस लेख में हम इन राशियों के जातकों के लिए आवश्यक सावधानियों और उपायों पर चर्चा करेंगे।
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सूर्य राशि परिवर्तन: मिथुन संक्रांति के दौरान चार राशियों के लिए सावधानी आवश्यक

सूर्य राशि परिवर्तन

सूर्य राशि परिवर्तन: 15 जून 2025 को सूर्य वृषभ राशि से निकलकर मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे। इसे 'मिथुन संक्रांति' कहा जाता है, जो वैदिक ज्योतिष में एक महत्वपूर्ण खगोलीय घटना मानी जाती है। सूर्य, जो आत्मविश्वास, प्रतिष्ठा, नेतृत्व और ऊर्जा का प्रतीक है, जब राशि बदलता है तो इसका प्रभाव सभी 12 राशियों पर पड़ता है। मिथुन राशि के स्वामी बुध हैं और सूर्य-बुध का संबंध मित्रवत है। इस कारण सूर्य यहां अपेक्षाकृत शक्तिशाली होता है। हालांकि, हर राशि पर इसका प्रभाव भिन्न होता है। ज्योतिषाचार्य हर्षवर्धन शांडिल्य के अनुसार, यह गोचर चार राशियों के लिए कुछ चुनौतियां लेकर आ सकता है।


वृषभ राशि

इस अवधि में वृषभ राशि के जातकों को मानसिक तनाव का सामना करना पड़ सकता है। कार्यक्षेत्र में अपेक्षित परिणाम नहीं मिलेंगे। विशेषकर छात्रों को पढ़ाई और प्रतियोगी परीक्षाओं में अधिक मेहनत करनी होगी। किसी महत्वपूर्ण निर्णय को जल्दबाज़ी में न लें।


ज्योतिष उपाय: प्रतिदिन सुबह सूर्य को तांबे के लोटे से जल अर्पित करें। 'ॐ घृणि सूर्याय नमः' मंत्र का 11 बार जाप करें। किसी जरूरतमंद विद्यार्थी को पुस्तकें या स्टेशनरी दान करें।


तुला राशि

तुला राशि के लिए यह गोचर व्यक्तिगत संबंधों में तनाव ला सकता है। दांपत्य जीवन में बहस और गलतफहमियां बढ़ सकती हैं। व्यापार में धोखा मिलने की संभावना है, इसलिए साझेदारों के साथ पारदर्शिता बनाए रखना आवश्यक है। कोर्ट-कचहरी के मामलों में विशेष सतर्कता बरतें।


ज्योतिष उपाय: हनुमान चालीसा का नियमित पाठ करें। शुक्रवार को गरीब महिलाओं को सुहाग का सामान, जैसे लाल चूड़ी, बिंदी आदि का दान करें। घर में शांति बनाए रखने के लिए चंदन का उपयोग करें।


मकर राशि

मकर राशि के जातकों के लिए यह गोचर घर-परिवार में तनाव का कारण बन सकता है। पिता या सीनियर साथियों से वैचारिक मतभेद हो सकते हैं। नौकरी या व्यवसाय में अस्थिरता महसूस हो सकती है। जीवनसाथी से सहयोग में कमी आ सकती है।


ज्योतिष उपाय: प्रतिदिन सुबह पीपल के पेड़ में जल अर्पित करें। पिता या किसी वरिष्ठ व्यक्ति का आशीर्वाद लें। रविवार को गेहूं, गुड़ और लाल वस्त्र का दान करें।


कुंभ राशि

कुंभ राशि के जातकों को इस गोचर के दौरान स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं जैसे थकावट, सिरदर्द, या आंखों की समस्या हो सकती है। अनचाहे खर्चे बढ़ सकते हैं और महत्वपूर्ण कार्य अटक सकते हैं। गुस्से या वाणी पर नियंत्रण न रखने पर रिश्तों में खटास आ सकती है।


ज्योतिष उपाय: शनि मंदिर में सरसों का तेल चढ़ाएं। हर शनिवार को गरीबों को काले चने और कंबल दान करें।