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सैयद शकील बाबा मेले का आयोजन इस वर्ष नहीं होगा

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में हर साल आयोजित होने वाला सैयद शकील बाबा का मेला इस वर्ष नहीं होगा। पिछले साल हुई हिंसक झड़पों के कारण प्रशासन ने आयोजन की अनुमति नहीं दी है। इस निर्णय के पीछे सुरक्षा चिंताएं हैं, क्योंकि मेले में बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल होते हैं। प्रशासन ने पहले भी ऐसे आयोजनों पर रोक लगाई है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि सुरक्षा प्राथमिकता है। जानें इस मेला के रद्द होने के पीछे की पूरी कहानी।
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सैयद शकील बाबा मेले का आयोजन इस वर्ष नहीं होगा

सैयद शकील बाबा का मेला रद्द

सैयद शकील बाबा मेला: उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले के फूलपुर गांव में हर साल 10 जून से शुरू होने वाला चार दिवसीय सैयद शकील बाबा का मेला इस बार आयोजित नहीं किया जाएगा। पिछले 75 वर्षों से यह मेला धूमधाम से मनाया जाता रहा है, जिसमें हजारों श्रद्धालु शामिल होते हैं।


अधिकारियों के अनुसार, 2023 में इस मेले के दौरान दो समूहों के बीच हिंसक झड़प हुई थी। यह विवाद स्थानीय दुकानदारों और आम नागरिकों के बीच हुआ था। इसके परिणामस्वरूप पुलिस ने एफआईआर दर्ज की थी। इसी कारण प्रशासन ने इस वर्ष आयोजन की अनुमति नहीं दी है।


पुलिस और प्रशासन का निर्णय

पुलिस और प्रशासन की रिपोर्ट के आधार पर निर्णय


अपर पुलिस अधीक्षक विकास चंद्र त्रिपाठी ने बताया कि 'पिछले वर्ष की घटना को ध्यान में रखते हुए इस वर्ष उर्स के आयोजन की अनुमति नहीं दी गई है।' पुलिस ने इस मामले में विस्तृत रिपोर्ट तैयार की थी, जिसमें आयोजन पर रोक लगाने की सिफारिश की गई थी। इसी रिपोर्ट के आधार पर उपजिलाधिकारी विवेकशील ने आयोजन समिति को अनुमति देने से मना कर दिया।


भीड़ से सुरक्षा का ध्यान

भीड़ से खतरे की आशंका


सैयद शकील बाबा का मेला हर साल बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है। लेकिन इस बार संभावित भीड़ और टकराव की आशंका को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। प्रशासन नहीं चाहता कि कोई अप्रिय स्थिति दोहराई जाए।


धार्मिक आयोजनों पर पूर्व में भी लगी रोक

पहले भी लग चुकी है ऐसी रोक


यह पहली बार नहीं है जब धार्मिक आयोजनों पर रोक लगाई गई है। इससे पहले बाराबंकी के सतरिख में सैयद सालार साहू गाजी के उर्स को भी रोका गया था। इसके अलावा, बहराइच और सांभल जिलों में भी सालार गाजी के मेलों पर रोक लगाई जा चुकी है, जहां सार्वजनिक सुरक्षा को लेकर चिंता जताई गई थी।