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सोम प्रदोष व्रत: महत्व और पावन कथा

सोम प्रदोष व्रत हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो भगवान शिव को समर्पित है। यह व्रत हर महीने की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है, विशेषकर जब यह सोमवार को आता है। इस दिन की पूजा से जीवन के सभी दुख दूर होने की मान्यता है। जानें इस व्रत की पावन कथा, जिसमें एक गरीब ब्राह्मण और एक राजकुमार की कहानी है, जो इस व्रत के प्रभाव से समृद्धि प्राप्त करते हैं। इस कथा का पाठ करने से जीवन में सुख और समृद्धि लाने के लाभ भी बताए गए हैं।
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सोम प्रदोष व्रत: महत्व और पावन कथा

प्रदोष व्रत का महत्व

हिंदू धर्म में व्रत और त्योहारों का विशेष स्थान है। प्रदोष व्रत, जो भगवान शिव को समर्पित है, का अत्यधिक महत्व है। यह व्रत हर महीने की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। जब यह तिथि सोमवार को आती है, तो इसके फल और भी अधिक शुभ माने जाते हैं। इस वर्ष सोम प्रदोष व्रत 17 नवंबर 2025 को है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन प्रदोष काल में शिव-पार्वती की पूजा करना अत्यंत फलदायी होता है। कहा जाता है कि इस दिन पूजा करने और प्रदोष व्रत की कथा सुनने से जीवन के सभी दुख, रोग और दरिद्रता समाप्त हो जाते हैं। आइए, हम प्रदोष व्रत की कथा का पाठ करते हैं।


सोम प्रदोष व्रत की पावन कथा

एक समय की बात है, एक नगर में एक गरीब और धर्मपरायण ब्राह्मण रहता था। उसकी पत्नी बहुत सुंदर और सुशील थी। आर्थिक तंगी के कारण, वे भिक्षा मांगकर अपना जीवन यापन कर रहे थे। एक दिन, भीख मांगते समय ब्राह्मण को रास्ते में एक घायल राजकुमार मिला। वह विदर्भ देश का राजकुमार था, जिसका राज्य शत्रुओं ने हड़प लिया था। ब्राह्मण दंपत्ति ने उसे अपने घर ले जाकर उसकी सेवा की। कुछ दिनों बाद, जब वे भिक्षा मांगने निकले, तो उन्हें एक संत मिले। संत ने बताया कि आज सोम प्रदोष व्रत है और इस दिन विधिपूर्वक शिवजी की पूजा करने से सभी दुख दूर होते हैं। इसके बाद, ब्राह्मण दंपत्ति और राजकुमार ने संत के कहे अनुसार सोम प्रदोष व्रत रखा और प्रदोष काल में भगवान शिव की पूजा की। उन्होंने इस व्रत को पूरी श्रद्धा से किया। प्रदोष व्रत के प्रभाव से राजकुमार ने अपना राज्य पुनः प्राप्त किया और ब्राह्मण दंपत्ति को धन और संपत्ति देकर उनका जीवन सुखमय बना दिया।


प्रदोष कथा पाठ के लाभ

सोम प्रदोष व्रत की कथा का पाठ करने से जीवन में चल रही सभी बाधाएं समाप्त हो जाती हैं। जिस प्रकार ब्राह्मण दंपत्ति की गरीबी दूर हुई, उसी तरह इस कथा का पाठ करने से साधक के घर में भी सुख और समृद्धि आती है। जो लोग सच्चे मन से यह व्रत और इसकी कथा का पाठ करते हैं, उनकी सभी इच्छाएं भगवान शिव और माता पार्वती पूरी करती हैं।