हनुमान बाहुक: हर बीमारी से मुक्ति का शक्तिशाली स्तोत्र

हनुमान पूजा का महत्व
हनुमान पूजा: भगवान हनुमान को संकटमोचन के नाम से जाना जाता है। बजरंगबली की पूजा से हर प्रकार के संकट का समाधान होता है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति गंभीर बीमारी से ग्रस्त है, तो उसे बजरंगबली की शरण में जाना चाहिए। मान्यता है कि हनुमान की पूजा से असाध्य रोगों से भी मुक्ति मिलती है।
गोस्वामी तुलसीदास का योगदान
भगवान राम के भक्त और रामचरितमानस के रचयिता गोस्वामी तुलसीदास ने एक ऐसा स्तोत्र लिखा है, जिसका पाठ करने से गंभीर रोगों से छुटकारा पाया जा सकता है। यदि कोई व्यक्ति चिकित्सा के साथ इसका पाठ करता है, तो उसे जल्दी ही स्वास्थ्य लाभ होता है।
तुलसीदास की बीमारी का किस्सा
तुलसीदास पड़ गए थे बीमार
कहा जाता है कि एक बार गोस्वामी तुलसीदास गंभीर रूप से बीमार हो गए थे। इस दौरान उन्होंने एक स्तोत्र की रचना की और उसका जाप किया। इससे भगवान हनुमान की कृपा से उन्हें बीमारी से मुक्ति मिली। इस स्तोत्र को हनुमान बाहुक के नाम से जाना जाता है, जिसमें 44 चरण हैं। इसका पाठ करने वाले व्यक्ति को हर गंभीर बीमारी से छुटकारा मिल जाता है।
हनुमान बाहुक की विशेषताएँ
क्या है हनुमान बाहुक?
हनुमान बाहुक एक स्तोत्र है, जिसमें 44 छंद हैं। यह हनुमान जी की महिमा, शक्ति और भक्ति का वर्णन करता है। प्रत्येक छंद में हनुमान जी की स्तुति की गई है, जो भक्तों के लिए सरल और प्रभावशाली है। यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी है जो शारीरिक या मानसिक समस्याओं का सामना कर रहे हैं।
पाठ करने की विधि
ऐसे करें पाठ
यदि कोई व्यक्ति गठिया, गले के रोग, जोड़ों या सिरदर्द से परेशान है, तो उसे एक पात्र में जल रखकर हनुमान बाहुक का 21 दिनों तक पाठ करना चाहिए। पाठ पूरा होने पर उस जल को पी लें और अगले दिन नया जल रखें। ऐसा करने से बीमारी का अंत हो जाता है। इसके अलावा, यदि किसी की इच्छाएँ पूरी नहीं हो रही हैं, तो भी हनुमान बाहुक का पाठ प्रभावी माना जाता है।
जादू-टोने से मुक्ति
जादू-टोने से भी दिलाता है मुक्ति
यदि किसी व्यक्ति को डर है कि उसके ऊपर कोई काला जादू कर रहा है, तो उसे नियमित रूप से हनुमान बाहुक का पाठ करना चाहिए। इससे उस पर जादू-टोने का असर नहीं होता। इसके साथ ही, हनुमान बाहुक का पाठ करने वाले व्यक्ति पर नकारात्मक शक्तियाँ भी प्रभाव नहीं डाल पातीं।