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हरतालिका तीज: महत्व, व्रत विधि और शुभ मुहूर्त

हरतालिका तीज का पर्व हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है, खासकर सुहागिन महिलाओं के लिए। यह व्रत भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं निर्जला उपवास रखकर अपने पतियों की लंबी उम्र की कामना करती हैं। जानें इस व्रत का महत्व, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में।
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हरतालिका तीज: महत्व, व्रत विधि और शुभ मुहूर्त

हरतालिका तीज का महत्व

हरतालिका तीज का पर्व हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है, खासकर सुहागिन महिलाओं के लिए। यह व्रत भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है, जो इस वर्ष 26 अगस्त को है। ज्योतिषाचार्य डॉ. अनीष व्यास के अनुसार, यह व्रत कठिन होता है, जिसमें महिलाएं निर्जला उपवास रखकर अपने पतियों की लंबी उम्र की कामना करती हैं। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा का विशेष महत्व है।


हरतालिका तीज का शुभ मुहूर्त

डॉ. अनीष व्यास ने बताया कि हरतालिका तीज का व्रत 26 अगस्त 2025 को रखा जाएगा। भाद्रपद माह की तृतीया तिथि 25 अगस्त को दोपहर 12:34 बजे से शुरू होगी और 26 अगस्त को 1:54 बजे समाप्त होगी। इस दिन का उदया तिथि मानकर व्रत रखा जाएगा।


व्रत की विधि

हरतालिका तीज का व्रत निर्जला होता है, जिसमें महिलाएं पानी का सेवन नहीं करतीं। यदि व्रत के दौरान सूतक लग जाए, तो पूजा रात में की जा सकती है। इस दिन महिलाएं माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा करती हैं।


पूजन सामग्री

हरतालिका तीज की पूजा के लिए आवश्यक सामग्री में गीली मिट्टी, बेल पत्र, केले का पत्ता, धतूरे का फल, तुलसी, नारियल, चंदन, और अन्य सामग्री शामिल हैं।


व्रत कथा

डॉ. अनीष व्यास के अनुसार, माता पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए कठोर तप किया था। इस व्रत का पालन करने से सुहागिन महिलाओं को शिव-पार्वती का आशीर्वाद मिलता है।