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हरतालिका तीज व्रत: मां पार्वती और भगवान शिव की पूजा विधि

हरतालिका तीज व्रत का पर्व भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इस दिन मां पार्वती और भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व है। जानें इस व्रत की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और आर्थिक तंगी से छुटकारा पाने के उपाय। साथ ही, दान का महत्व भी जानें।
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हरतालिका तीज व्रत: मां पार्वती और भगवान शिव की पूजा विधि

हरतालिका तीज का महत्व


हरतालिका तीज व्रत का महत्व: वैदिक पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरतालिका तीज का पर्व मनाया जाता है। इस दिन मां पार्वती और भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व है। इस व्रत को करने से सुहागिन महिलाओं को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है।


हरतालिका तीज का व्रत कब है?

भाद्रपद की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 25 अगस्त को दोपहर 12:34 बजे शुरू होगी और 26 अगस्त को 1:54 बजे समाप्त होगी। इस प्रकार, हरतालिका तीज का व्रत 26 अगस्त को मनाया जाएगा। इस बार कई शुभ योग बन रहे हैं, जिससे व्रत करने वालों को दोगुना फल प्राप्त होगा।


हरतालिका तीज पूजा का शुभ मुहूर्त

हरतालिका तीज पूजा मुहूर्त:



  • लाभ चौघड़िया: सुबह 10:46 से 12:23 बजे तक।

  • अमृत चौघड़िया: दोपहर 12:23 से 1:59 बजे तक।

  • प्रदोष काल पूजा का मुहूर्त: दोपहर 3:36 से 5:12 बजे तक।

  • रात का लाभ चौघड़िया: 8:12 से 9:35 बजे तक।


हरतालिका तीज पूजा विधि

पूजा विधि:



  • सुबह सूर्योदय से पहले उठें और स्नान करें।

  • नित्य कर्म से निवृत्त होकर शिवालय जाएं।

  • भगवान शिव और माता पार्वती का पंचामृत से अभिषेक करें।

  • अपने घर के द्वार पर सुंदर मंडप तैयार करें।

  • गणेश चालीसा, शिव चालीसा और पार्वती चालीसा का पाठ करें।

  • हरतालिका तीज व्रत की कथा का पाठ करें और अंत में आशीर्वाद लें।


आर्थिक तंगी से छुटकारा

यदि आप आर्थिक तंगी से छुटकारा पाना चाहते हैं, तो हरतालिका तीज के दिन पूजा के दौरान 5 आक के फूल शिवलिंग पर अर्पित करें और शिव चालीसा का पाठ करें। ऐसा करने से आर्थिक तंगी दूर होती है।


सफलता के उपाय

हरतालिका तीज पर दूध, दही और शहद से शिवलिंग का अभिषेक करने से रुके हुए काम पूरे होते हैं।


दान का महत्व

इस दिन पूजा के बाद गरीबों में अन्न-धन का दान करें। इससे साधक को जीवन में कोई कमी नहीं होगी और धन लाभ के योग बनेंगे।