हरियाली अमावस्या 2025: विशेष पूजा और शुभ मुहूर्त

हरियाली अमावस्या का महत्व
हरियाली अमावस्या: 24 जुलाई 2025 को अमावस्या का दिन है, जो श्रावण मास में आती है और इसे हरियाली अमावस्या के नाम से जाना जाता है। इस दिन पितरों का श्राद्ध करना अत्यंत शुभ माना जाता है। मान्यता है कि जो व्यक्ति इस दिन शिव और पार्वती की विधिपूर्वक पूजा करता है, उसे जीवन में सुख, शांति और पितृशांति प्राप्त होती है।
हरियाली अमावस्या पर शुभ योग
हरियाली अमावस्या का आरंभ 23 जुलाई की रात 2:29 बजे होगा और यह 24 जुलाई को रात 12:41 बजे तक चलेगा। अमावस्या के दिन सूर्योदय से पूर्व और सूर्यास्त के बाद का समय पूजा और तर्पण के लिए शुभ माना जाता है। इस दिन गुरु पुष्य नक्षत्र, रवि योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, शिववास योग, हर्षण योग और अमृत योग का निर्माण हो रहा है, जिससे यह अमावस्या विशेष महत्व रखती है। इस दिन शिव पूजा, तर्पण और दान करने से पितृदोष से मुक्ति और आर्थिक उन्नति की प्राप्ति होती है।
हरियाली अमावस्या के लिए शुभ मुहूर्त
हरियाली अमावस्या पर स्नान, दान और पूजा के लिए श्रेष्ठ मुहूर्त
- पहला शुभ मुहूर्त- सुबह 5:38 से 7:20 बजे तक।
- दूसरा शुभ मुहूर्त- चर मुहूर्त सुबह 10:35 से 12:27 बजे तक।
- तीसरा शुभ मुहूर्त- लाभ मुहूर्त 12:27 से 2:10 बजे तक।
हरियाली अमावस्या पर क्या करें
इस दिन पौधारोपण करना अत्यंत शुभ माना जाता है, जिससे जीवन में सुख और समृद्धि आती है। हरियाली अमावस्या के दिन पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए, यदि संभव न हो तो गंगाजल मिलाकर स्नान करें। पितरों के लिए पिंडदान और दान-पुण्य करना आवश्यक है, जिससे उन्हें मोक्ष मिलता है।
पितृसूक्त, गीता, गरुड़ पुराण या पितृ कवच का पाठ करना भी महत्वपूर्ण है। ब्राह्मणों को भोजन कराना और दान देना घर में सुख-शांति लाता है। घर के ईशान कोण में लाल धागे से बनी बत्ती जलाना और कनकधारा स्तोत्र का पाठ करना भी लाभकारी है।
हरियाली अमावस्या पर भगवान शिव की विधिपूर्वक पूजा करने से कालसर्प दोष, पितृ दोष और साढ़ेसाती से राहत मिलती है।