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हरियाली अमावस्या: महत्व, पूजा विधि और दान के उपाय

हरियाली अमावस्या, जिसे सावन अमावस्या भी कहा जाता है, इस दिन भक्तजन गंगा स्नान कर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करते हैं। इस दिन विशेष रूप से पौधे लगाने और पितरों का तर्पण करने का महत्व है। जानें इस दिन के महत्व, पूजा विधि और दान के उपायों के बारे में। साथ ही, जानें कि इस दिन क्या करना चाहिए और क्या नहीं।
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हरियाली अमावस्या: महत्व, पूजा विधि और दान के उपाय

हरियाली अमावस्या का महत्व

आज हरियाली अमावस्या है, जिसे सावन माह की अमावस्या के रूप में भी जाना जाता है। इस दिन भक्तजन गंगा में स्नान कर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करते हैं। इसके साथ ही, साधक अपने पूर्वजों का तर्पण और पिंडदान भी करते हैं। आइए, हम आपको हरियाली अमावस्या के महत्व और पूजा विधि के बारे में बताते हैं।


हरियाली अमावस्या के बारे में जानें

हरियाली अमावस्या हर साल सावन अमावस्या के दिन मनाई जाती है। इस दिन लोग विशेष रूप से नीम, पीपल, तुलसी और बरगद जैसे पवित्र वृक्ष लगाते हैं, क्योंकि ऐसा करने से देवी-देवताओं का आशीर्वाद मिलता है। इस दिन पितरों का तर्पण भी किया जाता है, जिससे उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस वर्ष, हरियाली अमावस्या 24 जुलाई, गुरुवार को है। यह तिथि भगवान शिव की पूजा के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है। हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि को पितृ कार्य, पवित्र स्नान और दान के लिए फलदायी माना गया है।


हरियाली अमावस्या मुहूर्त

सावन माह की अमावस्या तिथि 24 जुलाई को रात 2:28 बजे शुरू होगी और 25 जुलाई को रात 12:40 बजे समाप्त होगी। इस प्रकार, हरियाली अमावस्या 24 जुलाई को मनाई जाएगी।


हरियाली अमावस्या पर दान के उपाय

पंडितों के अनुसार, यदि आप पितृ दोष से मुक्ति पाना चाहते हैं, तो हरियाली अमावस्या के दिन शिवजी की पूजा करें और पितरों का तर्पण करें। पूजा के बाद काले तिल, जौ, कच्चा चावल, चूड़ा, दही, चीनी और नमक का दान करें। इसके अलावा, छतरी, चमड़े के जूते और चप्पल भी दान कर सकते हैं।


हरियाली अमावस्या पर खानपान के नियम

इस दिन मांस और मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए। लहसुन-प्याज से भी परहेज करें और सात्विक भोजन का सेवन करें।


हरियाली अमावस्या पर क्या न करें

अमावस्या के दिन बाल और नाखून काटने से बचें। इस दिन मुंडन और गृह प्रवेश जैसे शुभ कार्य भी नहीं करने चाहिए।


हरियाली अमावस्या का उद्देश्य

हरियाली अमावस्या सावन में मनाई जाती है, जब चारों ओर हरियाली होती है। यह दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा के लिए विशेष है। इस दिन पितरों के नाम पर दान और तर्पण का महत्व है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, अमावस्या तिथि पर पितरों का तर्पण करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।


हरियाली अमावस्या पर शुभ योग

ज्योतिषियों के अनुसार, इस दिन कई शुभ संयोग बन रहे हैं, जैसे गुरु पुष्य योग और अमृत सिद्धि योग। इन योगों में पूजा करने से मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं।


हरियाली अमावस्या पर दान के उपाय

सावन की हरियाली अमावस्या पर चावल, सफेद वस्त्र, सफेद फूल, शक्कर और नारियल का दान करें।


हरियाली अमावस्या पर दीप जलाना

इस दिन सरसों के तेल से आटे का दीपक जलाएं।


पितृ दोष निवारण स्तोत्र का पाठ

इस दिन गंगा स्नान करें और पितरों का तर्पण करते समय पितृ दोष निवारण स्तोत्र का पाठ करें।