हृदय रोगियों के लिए टीकाकरण की नई गाइडलाइन: कोविड, फ्लू और निमोनिया के खिलाफ सुरक्षा

हृदय रोगियों के लिए टीकाकरण की आवश्यकता
नई दिल्ली - हृदय रोग से ग्रसित वयस्कों के लिए कोविड-19, इन्फ्लूएंजा (फ्लू), रेस्पिरेटरी सिन्सिटियल वायरस (आरएसवी), निमोनिया और हर्पीज जोस्टर (शिंगल्स) जैसे रोगों के खिलाफ टीकाकरण अनिवार्य है। यह सलाह अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी (एसीसी) ने अपनी हालिया गाइडलाइन में दी है।
इस दस्तावेज़ में प्रत्येक टीके के लिए वैज्ञानिक प्रमाण और मरीजों तथा डॉक्टरों के बीच संवाद को सरल बनाने के लिए सामान्य प्रश्नों के उत्तर भी शामिल हैं। एसीसी की लेखन समिति के अध्यक्ष पॉल हाइडेनरइच ने इस पर अपनी राय व्यक्त की है। उनका कहना है कि हृदय रोगियों के लिए अन्य बीमारियों से बचाव के लिए टीकाकरण अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा, "हृदय रोगियों के लिए संक्रामक श्वसन रोगों और अन्य गंभीर बीमारियों से बचाव के लिए टीकाकरण बहुत महत्वपूर्ण है। लेकिन लोगों को यह समझाने में थोड़ी दिक्कत होती है कि कौन-सी वैक्सीन कितनी बार लेनी चाहिए और यह क्यों जरूरी है।"
उन्होंने आगे कहा, "इस गाइडलाइन का उद्देश्य डॉक्टरों को प्रोत्साहित करना है कि वे मरीजों के साथ टीकाकरण पर खुलकर चर्चा करें और इसे नियमित उपचार और रोकथाम का हिस्सा बनाएं।" हृदय रोगियों को श्वसन वायरस से संक्रमण का अधिक खतरा होता है, जिससे अस्पताल में भर्ती होने और मृत्यु का जोखिम बढ़ जाता है। कई शोधों से यह स्पष्ट हुआ है कि वैक्सीन इन खतरों को काफी हद तक कम करती है। हालांकि, हाल के एक अध्ययन में पाया गया कि केवल 30 प्रतिशत प्राथमिक देखभाल चिकित्सक अपने मरीजों की टीकाकरण स्थिति की जांच करते हैं।
हर साल सभी वयस्कों को फ्लू का टीका लगवाने की सलाह दी गई है, जो हृदय रोग, हृदय से संबंधित मृत्यु और अन्य कारणों से होने वाली मृत्यु को कम करता है, लेकिन 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के लिए नाक से दी जाने वाली फ्लू वैक्सीन की सिफारिश नहीं की गई है।
19 वर्ष या उससे अधिक उम्र के हृदय रोगियों के लिए निमोनिया का टीका आवश्यक है, जो निमोनिया, बैक्टीरिया और मेनिन्जाइटिस से सुरक्षा प्रदान करता है। एसीसी ने मौसमी कोविड वैक्सीन और 75 वर्ष या उससे अधिक उम्र के लोगों के लिए आरएसवी टीका लेने की सलाह दी है। इसके अलावा, 50-74 वर्ष के हृदय रोगियों को भी आरएसवी टीका लगवाना चाहिए। यह टीका गंभीर श्वसन रोगों से बचाव करता है, जो अस्पताल में भर्ती और मृत्यु का कारण बन सकते हैं। वर्तमान दिशानिर्देशों में इसे सालाना के बजाय एक बार लेने की सलाह दी गई है। इसके अतिरिक्त, 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को शिंगल्स का टीका लगवाने की सलाह दी गई है, जो स्ट्रोक और दिल के दौरे के जोखिम को कम करता है। यह गाइडलाइन मुख्य रूप से श्वसन टीकों पर केंद्रित है, लेकिन शिंगल्स जैसे अन्य टीकों के फायदों पर भी प्रकाश डालती है।