क्या पृथ्वी आज सामान्य से तेज़ घूम रही है? जानें इसके कारण और प्रभाव

पृथ्वी की गति में बदलाव
पृथ्वी की तेज़ गति: 5 अगस्त 2025 को धरती की घूर्णन गति में कुछ मिलीसेकंड की वृद्धि हुई है। वैज्ञानिकों ने पुष्टि की है कि आज का दिन सामान्य से थोड़ा छोटा हो सकता है। हालांकि, यह परिवर्तन आम लोगों की दिनचर्या पर कोई खास प्रभाव नहीं डालता, लेकिन तकनीकी दृष्टि से इसका महत्व है।
इंटरनेशनल अर्थ रोटेशन एंड रेफरेंस सिस्टम्स सर्विस (IERS) के अनुसार, आज का दिन लगभग 1.25 से 1.5 मिलीसेकंड छोटा हो सकता है। इसका मतलब है कि 24 घंटे की बजाय आज का दिन लगभग 86,398.5 सेकंड का होगा। यह सूक्ष्म अंतर इंसानी घड़ी में नहीं दिखता, लेकिन वैज्ञानिक रूप से इसे दर्ज किया जा रहा है।
पृथ्वी की गति तेज़ होने के कारण
क्यों बढ़ रही है पृथ्वी की गति?
1. चंद्रमा का प्रभाव: चंद्रमा का गुरुत्वाकर्षण पृथ्वी की गति पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालता है। जब चंद्रमा पृथ्वी की भूमध्य रेखा से दूर होता है, तो इसका ब्रेकिंग प्रभाव कम हो जाता है, जिससे पृथ्वी की गति में वृद्धि होती है। 5 अगस्त को चंद्रमा की स्थिति ऐसी ही है, जिससे घूर्णन गति में हल्की बढ़ोतरी देखी जा रही है।
2. जलवायु परिवर्तन: वैज्ञानिकों का मानना है कि जब बर्फ पिघलकर समुद्र में मिलती है, तो पृथ्वी के द्रव्यमान का वितरण बदलता है। यह उसी तरह है जैसे एक आइस स्केटर अपने हाथ अंदर खींचकर तेजी से घूमता है। ग्लेशियरों का पिघलना पृथ्वी की आकृति को प्रभावित करता है और घूर्णन गति में मामूली तेजी ला सकता है।
3. भूकंप और भूगर्भीय हलचल: कुछ बड़े भूकंप पृथ्वी के आंतरिक ढांचे को प्रभावित करते हैं, जिससे घूर्णन गति में बदलाव आ सकता है। पिछले कुछ वर्षों में ऐसे कई भूकंप हुए हैं, जिनका प्रभाव इस गति में बदलाव से जोड़ा जा रहा है।
4. आंतरिक चुंबकीय क्षेत्र: पृथ्वी के अंदर चुंबकीय गतिविधियां होती रहती हैं, जो समय-समय पर इसकी गति को प्रभावित कर सकती हैं। वैज्ञानिक इस पर अध्ययन कर रहे हैं कि ये परिवर्तन कितने प्रभावी हो सकते हैं।
पृथ्वी की गति में हाल के बदलाव
हाल के वर्षों में पृथ्वी की गति में बदलाव:
2020 से वैज्ञानिकों ने देखा है कि पृथ्वी की गति में धीरे-धीरे बढ़ोतरी हो रही है।
5 जुलाई 2024 को अब तक का सबसे तेज़ दिन रिकॉर्ड किया गया, जो 1.66 मिलीसेकंड छोटा था।
2022 और 2021 में क्रमशः 1.59 और 1.47 मिलीसेकंड कम दिन दर्ज हुए थे।
9 जुलाई 2025 को भी एक तेज़ दिन दर्ज हुआ था, जो 1.6 मिलीसेकंड छोटा था।
वैज्ञानिक बताते हैं कि अरबों साल पहले जब चंद्रमा पृथ्वी के करीब था, तब दिन केवल 19 घंटे के होते थे। उस समय पृथ्वी की घूर्णन गति अधिक थी।
पृथ्वी की गति की वर्तमान स्थिति
पृथ्वी कितनी तेज़ घूम रही है?
पृथ्वी औसतन अपनी धुरी पर 1,670 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से घूमती है। 5 अगस्त को यह गति कुछ माइक्रो यूनिट बढ़ सकती है, जैसे कि 1,670.002 किलोमीटर प्रति घंटा। यह अंतर इतना छोटा है कि इसे हम सीधे महसूस नहीं कर सकते, लेकिन एटॉमिक क्लॉक्स जैसी अति सटीक घड़ियों से इसे मापा जा सकता है।
इसका प्रभाव
क्या होगा इसका असर?
इस परिवर्तन का आम जनजीवन पर कोई सीधा असर नहीं पड़ता, लेकिन यह नेविगेशन सिस्टम्स, उपग्रहों और सटीक समय निर्धारण के लिए महत्वपूर्ण है। यदि यह बदलाव नियमित होता है, तो भविष्य में लीप सेकंड को कम या बंद करने की आवश्यकता भी पड़ सकती है।