चंद्रयान-2 की ऐतिहासिक उपलब्धि: चाँद पर सूर्य के प्रभाव का अवलोकन

चंद्रयान-2 की नई खोज
नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने एक महत्वपूर्ण वैज्ञानिक उपलब्धि की घोषणा की है। चंद्रयान-2 ने अपने उपकरणों का उपयोग करते हुए पहली बार सूर्य से निकलने वाले कोरोनल मास इजेक्शन (CME) के चंद्रमा पर प्रभावों का अवलोकन किया है। यह एक अनूठी उपलब्धि है, जिसे किसी अन्य अंतरिक्ष एजेंसी ने पहले नहीं किया है।
इस अवलोकन से चंद्रमा के बाह्यमंडल और उसके पतले वायुमंडल पर अंतरिक्ष मौसम के प्रभावों को समझने में सहायता मिलेगी। चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर ने यह पता लगाया है कि सौर तूफान (CME) चाँद के वातावरण (एक्सोस्फीयर) को किस प्रकार प्रभावित करता है। यह ऐतिहासिक खोज CHACE-2 (Chandra Atmospheric Composition Explorer-2) उपकरण द्वारा की गई। 10 मई, 2024 को एक दुर्लभ सौर घटना के दौरान, CMEs की एक श्रृंखला ने चंद्रमा को प्रभावित किया।
इस घटना के परिणामस्वरूप चंद्रमा के दिन वाले हिस्से के बाहरी वातावरण में दबाव में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई। ISRO के वैज्ञानिकों ने बताया कि एक्सोस्फीयर में तटस्थ परमाणुओं और अणुओं की संख्या घनत्व में एक दशक से अधिक की वृद्धि हुई, जो पहले केवल सैद्धांतिक अनुमानों तक सीमित थी। यह खोज न केवल भारत के अंतरिक्ष विज्ञान के लिए गर्व का विषय है, बल्कि यह भविष्य के चंद्र अभियानों और स्पेस वेदर रिसर्च के लिए महत्वपूर्ण डेटा भी प्रदान करती है।