पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान: एक नया करियर विकल्प

पुस्तकालयों का नया स्वरूप
पारंपरिक दृष्टिकोण से पुस्तकालयों को केवल किताबों के संग्रह के स्थान के रूप में देखा जाता रहा है, लेकिन अब इनका रूप बदल रहा है। आधुनिक तकनीक और डिजिटल युग में, पुस्तकालय अब अध्ययन का साधन नहीं रह गए हैं, बल्कि युवाओं के लिए एक संभावनाओं से भरा करियर विकल्प बनते जा रहे हैं।
पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान का महत्व
पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान एक बहु-विषयक क्षेत्र बन चुका है, जो सूचना के संग्रह, प्रबंधन, सेवाओं और प्रसार पर केंद्रित है। यह विषय अब केवल लाइब्रेरी संचालन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पेशेवर रूप से युवाओं को उत्कृष्ट करियर अवसर प्रदान कर रहा है।
शिक्षा के अवसर
देशभर के केंद्रीय, राज्य, डीम्ड और निजी विश्वविद्यालयों में इस क्षेत्र में स्नातक (B.L.I.Sc.) और परास्नातक (M.L.I.Sc.) स्तर के एक वर्षीय पाठ्यक्रम उपलब्ध हैं। शोध में रुचि रखने वाले छात्रों के लिए डॉक्टरेट और अनुसंधान की भी व्यापक संभावनाएं हैं।
दिल्ली विश्वविद्यालय का योगदान
दिल्ली विश्वविद्यालय का पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान विभाग देश के प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों में से एक है। इसकी स्थापना डॉ. एस. आर. रंगनाथन ने की थी, जो पुस्तकालय विज्ञान के जनक माने जाते हैं। यह विभाग अपने उच्च शैक्षणिक मानकों और शोध कार्यों के लिए देश-विदेश में प्रसिद्ध है।
रोजगार के अवसर
पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान क्षेत्र में विभिन्न पदों की भरमार है, जिसमें लाइब्रेरी अटेंडेंट से लेकर पुस्तकालयाध्यक्ष, सूचना वैज्ञानिक, डॉक्यूमेंटेशन अधिकारी और शिक्षण संकाय तक की भूमिकाएं शामिल हैं। 7वें वेतन आयोग के अंतर्गत यह क्षेत्र लेवल-1 से लेकर लेवल-14 तक की सरकारी नौकरियाँ प्रदान करता है।
शिक्षण क्षेत्र में भूमिका
यह विषय केवल गैर-शिक्षण पदों के लिए ही नहीं, बल्कि शिक्षण क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। पुस्तकालय विज्ञान के शिक्षक देश और विदेश के विश्वविद्यालयों में समान अधिकारों और सुविधाओं के साथ अध्यापन कर रहे हैं।
नए करियर विकल्प की आवश्यकता
आज के युवा पारंपरिक करियर विकल्पों से हटकर नए और स्थिर क्षेत्रों की तलाश कर रहे हैं। ऐसे में पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान एक मजबूत करियर पथ बनकर उभर रहा है, जिसमें निरंतर विकास और सम्मानजनक भविष्य की संभावनाएं हैं।
दृष्टिकोण में बदलाव की आवश्यकता
अब आवश्यकता है दृष्टिकोण में बदलाव की
पुस्तकालय को केवल किताबों की अलमारी मानने की सोच को पीछे छोड़कर, इसे एक सशक्त और समृद्ध करियर की कुंजी के रूप में देखना समय की मांग है।
विशेषज्ञ की राय
-डॉ. किमी, सहायक प्रोफेसर, पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान विभाग, दिल्ली विश्वविद्यालय