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राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस 2025: प्रधानमंत्री मोदी की गहरी अंतरिक्ष खोज की अपील

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस 2025 पर भारतीय वैज्ञानिकों से गहरे अंतरिक्ष की खोज के लिए तैयार रहने की अपील की। उन्होंने कहा कि गहरे अंतरिक्ष में कई रहस्य छिपे हैं जो मानवता के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण हो सकते हैं। मोदी ने भारत की अंतरिक्ष नीति को और व्यापक बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया और निजी क्षेत्र को भी चुनौती दी कि क्या वे अगले पांच वर्षों में पांच स्टार्टअप यूनिकॉर्न बना सकते हैं। जानें उनके संबोधन के मुख्य बिंदु और भविष्य की योजनाएं।
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राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस 2025: प्रधानमंत्री मोदी की गहरी अंतरिक्ष खोज की अपील

राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस 2025

राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय अंतरिक्ष वैज्ञानिकों से अपील की है कि वे गहरे अंतरिक्ष की खोज के लिए तैयार रहें। उन्होंने कहा कि गहरे अंतरिक्ष में कई ऐसे रहस्य छिपे हुए हैं, जिनका खुलासा मानवता के भविष्य के लिए लाभकारी हो सकता है।


मोदी ने कहा, 'हम चांद और मंगल पर पहुंच चुके हैं। अब हमें गहरे अंतरिक्ष में झांकना होगा, जहां मानवता के भविष्य के लिए कई राज छुपे हुए हैं।'


उन्होंने भारत की अंतरिक्ष नीति को और अधिक व्यापक बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि देश की आकांक्षाएं गैलेक्सियों के पार होनी चाहिए। पीएम मोदी ने भारत की प्रगति को भी रेखांकित किया, जिसमें इलेक्ट्रिक प्रणोदन और सेमी-क्रायोजेनिक इंजन जैसी नई तकनीकों की ओर बढ़ते कदम शामिल हैं। इसके साथ ही, उन्होंने बताया कि भारत जल्द ही अपना गगनयान मिशन लॉन्च करेगा और अपना स्पेस स्टेशन भी स्थापित करेगा।


निजी क्षेत्र को दी चुनौती

निजी क्षेत्र को दी चुनौती


प्रधानमंत्री ने निजी क्षेत्र को चुनौती दी और पूछा कि क्या अगले पांच वर्षों में पांच स्टार्टअप यूनिकॉर्न बन सकते हैं। इसके साथ ही, उन्होंने अंतरिक्ष वैज्ञानिकों और इंजीनियरों से यह सवाल भी किया कि क्या वे भारत की लॉन्च क्षमता को 50 रॉकेट्स प्रति वर्ष तक बढ़ा सकते हैं। यह अब तक की सबसे बड़ी छलांग होगी, क्योंकि वर्तमान में यह संख्या बहुत कम है।


अंतरिक्ष दिवस पर प्रधानमंत्री का संबोधन

अंतरिक्ष दिवस पर प्रधानमंत्री का संबोधन


प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के अवसर पर दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में देशवासियों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि इस वर्ष का विषय 'आर्यभट्ट से गगनयान' देश की अतीत की उपलब्धियों और भविष्य के संकल्प को दर्शाता है। उन्होंने गर्व से बताया कि यह दिन अब युवाओं के बीच उत्साह का बड़ा स्रोत बन चुका है।


मोदी ने ISRO की लगातार सफलता की सराहना करते हुए कहा कि नए मील के पत्थर हासिल करना अब भारत और उसके वैज्ञानिकों की पहचान बन चुका है। उन्होंने दो साल पहले भारत के चांद के दक्षिणी ध्रुव पर पहली बार लैंड करने को एक ऐतिहासिक उपलब्धि बताया.