18 वर्षीय लब्धि जैन ने चुना संन्यास का मार्ग

लब्धि जैन दीक्षा: एक प्रेरणादायक यात्रा
18 वर्षीय लब्धि जैन की कहानी हरियाणा के सोनीपत में चर्चा का विषय बनी हुई है। वह संसार की मोह-माया को छोड़कर जैन साध्वी बनने जा रही हैं।
5 जून 2025 को रोहतक में एक भव्य दीक्षा महोत्सव का आयोजन किया जाएगा। लब्धि आध्यात्मिक जीवन की ओर कदम बढ़ाएंगी। उनकी मां, सेंजल जैन, ने उन्हें इस मार्ग के लिए तैयार किया है। यह कहानी साहस और प्रेरणा से भरी हुई है। आइए, इस अद्भुत यात्रा के बारे में जानते हैं!
केसर रस्म का आयोजन
रोहतक की जनता कॉलोनी में लब्धि की केसर रस्म का आयोजन किया गया। समाजसेवी विवेक जैन और उनकी पत्नी अंकिता जैन ने लब्धि के धर्म माता-पिता का रोल निभाया।
लब्धि के असली माता-पिता, सेंजल और जयप्रकाश जैन, भी इस अवसर पर उपस्थित थे। सेंजल ने अपनी बेटी को साध्वी बनने के लिए तैयार किया। 200 ग्राम कश्मीरी केसर से एक विशेष लेप बनाया गया, जिसे लब्धि ने घर में छिड़का। यह केसर रस्म लब्धि की दीक्षा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
बड़ी बहन का प्रेरणादायक उदाहरण
लब्धि की बड़ी बहन, ज्योतिष मार्तण्ड साध्वी डॉ. महाप्रज्ञ, 15 साल पहले साध्वी बनी थीं। उनकी प्रेरणा से लब्धि ने भी इस मार्ग को अपनाने का निर्णय लिया। जैन धर्म में दीक्षा लेना एक महत्वपूर्ण कदम है, जो संयम और त्याग का प्रतीक है।
लब्धि ने बचपन से ही वैराग्य का सपना देखा है। 5 जून को जैन आचार्य डॉ. शिव मुनि उन्हें आशीर्वाद देंगे।
भव्य आयोजन की तैयारी
लब्धि जैन दीक्षा के लिए रस्में शुरू हो चुकी हैं। सुबह 11 बजे बाण रस्म और तेल चढ़ाने की प्रक्रिया का आयोजन हुआ। उबटन का लेप भी लगाया गया। 4 जून तक रोज बाण रस्म का आयोजन होगा।
5 जून को दीक्षा महोत्सव में भव्य कलश यात्रा और शोभा यात्रा निकाली जाएगी। यह आयोजन रोहतक में ऐतिहासिक होगा, और लब्धि साध्वी जीवन को अपनाएंगी।
परिवार और समाज का गर्व
लब्धि का परिवार सोनीपत से है। उनके पिता जयप्रकाश, मां सेंजल, भाई-बहन और रिश्तेदार सभी गर्व महसूस कर रहे हैं। सेंजल ने कहा, "लब्धि का यह निर्णय हमें गर्वित करता है।" धर्म माता-पिता विवेक और अंकिता जैन ने इसे साहसिक कदम बताया।
लब्धि जैन दीक्षा नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा बन रही है। रोहतक महोत्सव में हजारों लोग शामिल होंगे, और यह वैराग्य और आध्यात्म का एक उदाहरण बनेगा।